Panipat : सीआईए थ्री पुलिस टीम ने सेबी का फर्जी अधिकारी(SEBI officer) बन ट्रेडिंग कंपनी(Trading Company) में रेड कर रिकार्ड में कमी बताकर जबरन वसूली व ठगी करने वाले दो आरोपियों(Accused) को संजय चौक के पास से गिरफ्तार किया। आरोपियों की पहचान मयंक निवासी ग्रेटर नोएडा गौतमबुद्ध नगर यूपी व अनिल निवासी अगवानपुर सोनीपत के रूप में हुई।
सीआईए थ्री प्रभारी इंस्पेक्टर दीपक ने बताया कि थाना चांदनी बाग में न्यू गीता कॉलोनी निवासी मुनीष ने पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि संजय चौक पर उसकी एमजी इक्विटी माल के नाम से ट्रेडिंग कंपनी है। 16 मई को वह मैनेजर संदीप व अन्य स्टाफ के साथ ऑफिस में काम कर रहा था। देर शाम करीब 6 बजे दो अज्ञात युवक ऑफिस में आए। एक युवक ने अपना नाम मयंक बता खुद को पीएमओ से सेबी अधिकारी व साथ वाले का नाम एएआई अनिल कुमार बता उसको हरियाणा पुलिस से अपना पीएसओ बताकर कहा कंपनी में धांधली चली हुई है, रिकार्ड चेक करने के लिए वह यहा आया है। उसको कंपनी का रिकार्ड, लाइसेंस व ऑडिट से संबंधित रिकार्ड दिखाने के लिए कहा। पीएसओ बने युवक ने कहा साहब आपकी कंपनी से संतुष्ट नही है। यह बात बोलकर पीएसओ बना युवक उसको साइड में ले गया और 20 लाख रूपये की मांग की। पैसे ना देने की सूरत में कंपनी को सील करने की बात कही। उसको शक हुआ तो उसने दोनों को आई कार्ड व अथॉरिटी लेटर दिखाने के लिए कहा।
उन्होंने पीएमओ ऑफिस दिल्ली से अशोक कुमार नाथ सेकेंड इन कमानडेंट द्वारा जारी एक फर्जी लेटर दिखाया। फर्जी लेटर में मयंक को आर्मी केप्टन व अनिल को हरियाणा पुलिस का एएसआई दर्शाया गया था। उसने लेटर पर अंकित नंबर पर फोन किया तो नंबर अशोक कुमार नाथ पीएमएमएस की बजाय अन्य किसी व्यक्ति का पाया गया। लेटर को अपने पास रख दोनों को आईकार्ड दिखाने के लिए कहा तो उसको व स्टाफ को डराया धमकाया और 20 लाख रूपये की मांग कर पैसे ना देने पर सील करने धमकी दी। मुनीष की शिकायत पर थाना चांदनी बाग में अभियोग दर्ज कर कानूनी कार्रवाई अमल में लाई गई थी।
पूछताछ में हुआ खुलासा
इंस्पेक्टर दीपक ने बताया कि दोनों आरोपियों से पूछताछ में खुलासा हुआ गिरोह का मास्टर माइंड आरोपी मयंक है। आरोपी मयंक आईबी, सीडीएस के अतिरिक्त आईटीबीपी का असिस्टेंट कमांडेंट का एग्जाम पास कर चुका है। मेडिकल में अनफिट होने के कारण आरोपी का चयन नही हो पाया तो उसने नोएडा यूपी में स्टाक मार्केट की फर्म खोलकर अपना बिजनेश शुरू कर दिया। आरोपी मयंक की फरवरी 2024 में साथी आरोपी अनिल से इंस्टाग्राम पर दोस्ती हुई। आरोपी अनिल भी ट्रेडिंग का काम करता है। दोनों एक साथ अप्रैल महीने में करनाल में आयोजित ट्रेडिंग कंपनी के एक सेमिनार में आए थे। जहां उन्होंने ट्रेडिंग कंपनियों की जानकारी जुटाई। इसके बाद दोनों आरोपियों ने मिलकर फर्जी सेबी अधिकारी बन साजिश रच ट्रेडिंग कंपनियों पर दबिश दे वसूली व ठगी की वारदातों को अंजाम देना शुरू कर दिया।
पुलिस ने कोर्ट से रिमांड किया हासिल
फर्जी लेटर आरोपी मयंक ने स्वय तैयार किया था, जिसमें खुद को आर्मी केप्टन व अनिल को हरियाणा पुलिस का एएसआई दर्शाया। आरोपी को भारतीय प्रतिभूति और विनियम बोर्ड (सेबी)की शक्तियों के बारे में जानकारी थी। पूछताछ में दोनों आरोपियों ने मिलकर पानीपत की वारदात के अतिरिक्त रोहतक, सोनीपत, रेवाड़ी व करनाल में वारदात को अंजाम देने बारे स्वीकारा। इंस्पेक्टर दीपक ने बताया की गहनता से पूछताछ करने के लिए पुलिस ने शुक्रवार को दोनों आरोपियों को न्यायलाय में पेश किया, जहां से आरोपी मयंक को 3 दिन के व आरोपी अनिल को 1 दिन के पुलिस रिमांड पर हासिल किया। पूछताछ के बाद शनिवार को आरोपी अनिल को रिमांड अवधी पूरी होने पर उसे माननीय न्यायालय में पेश किया जहा से उसे जेल भेजा दिया।