मतलौडा कस्बे के गांव ऊटला में स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा छापेमारी कर एक फर्जी अस्पताल का भंडाफोड़ करने का मामला सामने आया है। जहां पिछले कई वर्षो से जोड़ों के दर्द का इलाज किया जा रहा था, टीम द्वारा झोलाछाप डॉक्टर प्रताप के घर पर दबिश दिए जाने पर फर्जी डॉक्टर पकड़ा गया।
जिसके पास टीम को न ही कोई डिग्री मिली और न ही कोई डिप्लोमा मिल पाया, झोलाछाप डाक्टर अपने दादा एवं पिता से सीखे गुणों से ही मरीजों का इलाज करने में लगा हुआ था। मामले की जानकारी पुलिस को दी गई, मौके पर पहुंची पुलिस ने शिकायत के आधार पर विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू की।
चंडीगढ़ निवासी युवक ने दी शिकायत
मतलौडा थाना पुलिस को दी शिकायत में एएमओ डॉ. संजय राजपाल, फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. नेहा, एमओ डॉ. प्रांजल ने बताया कि उन्हें पिछले काफी समय से गांव उटला के एक घर में अवैध अस्पताल चलने की शिकायत मिल रही थी, जिसकी शिकायत चंडीगढ़ निवासी रवि द्वारा लिखित में दी गई है।
कोई डिग्री या डिप्लोमा नहीं
व्यक्ति की शिकायत पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीम का गठन किया गया, जिसमें तीनों स्पेशलिस्ट डाक्टरों को रखा गया। टीम शिकायत एवं आरोपों की जांच हेतु आरोपी प्रताप निवासी गांव उटला मतलौडा के घर टीम पहुंची। जहां टीम को आरोपी ने अपने बयानों में लिखवाया कि वह जोड़ो का इलाज अपने दादा और पिता के अनुभवों के आधार पर करता है, लेकिन उसके पास कोई डिग्री या डिप्लोमा नहीं है।