एक ओर जहां छोटे बड़े नेता और प्रभाव शाली लोग अपना रुतबा बढ़ाने के लिए अपनी पुलिस सिक्योरिटी लगवाने के लिए खूब एड़ी चोटी का जोर लगा देते हैं, फिर भी पुलिस सिक्योरिटी नसीब नहीं होती। वहीं दूसरी ओर आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर पिछले 13 दिन से अपनी पुलिस सिक्योरिटी हटवाने के लिए गुहार लगा रहे हैं। एसपी से लेकर डीजीपी और गृह मंत्री अनिल विज तक को लिखित प्रार्थना पत्र और इमेल भेज कर अपनी सिक्योरिटी हटवाने के लिए लिखित प्रार्थना पत्र दे चुके हैं। लेकिन पुलिस उनकी सुरक्षा में पिछले सवा दो वर्षों से निःशुल्क लगाए गए दो सशस्त्र पुलिस सुरक्षा कर्मियों को हटाने को तैयार नहीं।
एक बार फिर इसी सिलसिले में आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने डीएसपी समालखा एवं एडिशनल एसपी मयंक मिश्रा से मिले। सिक्योरिटी हटवाने की मांग सुन कर एडिशनल एसपी मयंक मिश्रा ने हैरान होते हुए कहा कि कमाल है, लोग तो सुरक्षा मांगने आते हैं और आप निःशुल्क प्राप्त पुलिस सिक्योरिटी लौटाने के लिए आए हैं। एडिशनल एसपी ने कपूर की रिक्वेस्ट सुनने के बाद बताया कि हाइकोर्ट के आदेश पर हरियाणा पुलिस ने दो सशस्त्र पुलिस सुरक्षा कर्मी कपूर की सुरक्षा में निशुल्क लगा रखे हैं। इन्हें अपने तौर पर नहीं हटाया जा सकता। उन्होंने कपूर के इस कदम की सराहना करते हुए हुए बताया कि इस संबंध में उच्च अधिकारियों से राय लेकर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।
पुलिस सुरक्षा नहीं चाहिए
एक सवाल के जवाब में कपूर ने बताया कि बेशक वे भ्रष्टाचार और अन्याय के खिलाफ लड़ते रहते हैं, लेकिन उन्हें पुलिस सुरक्षा नहीं चाहिए। सवा दो साल पहले हाईकोर्ट ने खुद एक बड़े मामले में उनकी जान पर खतरे की संभावना को देखते हुए उनको निशुल्क पुलिस सुरक्षा दिलाई थी। जिसके लिए उन्होंने कभी कोई मांग नहीं की थी। बताया कि उनकी लड़ाई किन्हीं व्यक्तियों के खिलाफ नहीं, बल्कि पूंजीवादी सिस्टम के खिलाफ ही है और वे मरते दम तक साधारण जनता और मजदूर वर्ग के अधिकारों के लिए लड़ते रहेंगे।