भाजपा लोकसभा चुनाव से पहले हरियाणा में बड़ा दांव खेलने जा रही है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले आखिरकार हरियाणा के जिला रेवाड़ी में बनने वाले देश के 22वें एम्स का शिलान्यास किया जा रहा है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 फरवरी को एम्स का शिलान्यास करेंगे। प्रधानमंत्री का प्रदेश में दौरा फाइनल होते ही सरकार की तरफ से तैयारियों का दौर शुरू हो चुका है। बताया जा रहा है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल जल्द प्रधानमंत्री के आगमन से पहले रेवाड़ी का दौरा कर जायजा लेंगे। वहीं भाजपा रेवाड़ी में एम्स के शिलान्यास के साथ बड़ी रैली करने की तैयारी में है।
गौरतलब है कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र की मोदी सरकार ने अपने अंतरिम बजट में हरियाणा को एम्स का तोहफा दिया था। इस पर अभी तक काम भी शुरू नहीं हो पाया। एम्स के लिए चयनित जमीन पर विवाद था। बता दें कि पहले एम्स के लिए गांव मनेठी में जगह चिन्हित की गई थी, लेकिन पर्यावरण विभाग की आपत्ति के चलते इसे मंजूरी नहीं मिली। जिसके बाद माजरा ग्राम पंचायत ने एम्स के लिए जमीन की पेशकश की। सरकार ने पंचायती जमीन के साथ ही गांव के किसानों की जमीन का अधिग्रहण भी किया है। इसके बाद दिसंबर के आखिरी सप्ताह में माजरा में एम्स का टेंडर फाइनल किया गया। एम्स का निर्माण एल एंड टी कंपनी की ओर से किया जाएगा। बता दें कि 25 जनवरी को सांसद राव इंद्रजीत सिंह भी एम्स की साइट का निरीक्षण कर चुके हैं।

वहीं जिला रेवाड़ी में एम्स के बनने के बाद रोजगार के द्वार खुलेंगे। यहां के लोगों को खासकर जिला रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, भिवानी, रोहतक, झज्जर, मेवात, पलवल और फरीदाबाद सहित राजस्थान के अलवर आदि जिलों को भी एम्स का फायदा मिलेगा। एम्स में प्रत्यक्ष रूप से करीब 3000 और अप्रत्यक्ष रूप से करीब 10 हजार लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत हरियाणा को केंद्र सरकार की ओर से सौगात मिलेगी। एम्स 750 बिस्तरों का अस्पताल बनाया जाएगा।

बता दें कि जिला रेवाड़ी के कस्बा बावल में जुलाई 2015 में आयोजित जनसभा के दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गांव मनेठी में एम्स बनाने की घोषणा की थी। इसके बाद मनेठी की पंचायत एम्स के लिए 210 एकड़ से ज्यादा जमीन मुहैया करवाई थी। फिर कई साल तक यह घोषणा फाइलों में ही अटकी रही। करीब 1 साल तक मनेठी के ग्रामीणों ने एम्स के लिए प्रयास किए।

इसके बाद वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने अंतरिम बजट में मनेठी में एम्स का निर्माण करवाने की घोषणा की थी। इसी बीच वन सलाहकार समिति ने मनेठी की जमीन को वन क्षेत्र बताते हुए उस पर आपत्ति लगा दी थी। वहीं 28 दिसंबर को गांव माजरा की 210 एकड़ जमीन पर एम्स के निर्माण को लेकर टेंडर फाइनल किया गया है।
