हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रतिपक्ष नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकार को नूंह हिंसा मामले में घेरते हुए कहा कि यह मामला सरकार की विफलता है या साजिश इस बात का पता लगाना आवश्यक है। मामले की जांच हाईकोर्ट के जज के अंतर्गत ज्यूडिशियल कोर्ट से करवाई जाए। उन्होंने मामले को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल और गृह मंत्री अनिल विज पर भी तंज कसा। हुड्डा चंडीगढ़ सिंह अपने आवास पर पत्रकारों के साथ बातचीत कर रहे थे।
भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि मुख्यमंत्री का कहना है कि यह सोची समझी साजिश है तो मामले से पर्दा क्यों नहीं उठाया जाता। जिससे स्थिति के बारे में स्पष्टता सामने आ सके। नूंह जैसे क्षेत्र में जब वर्ष 1947 में ऐसी घटनाएं नहीं हुई, हमारे राज में दंगे फंसाद नहीं हुए तो अब ऐसा क्यों हुआ। यह सरकार ही दंगों की सरकार है। पूर्व मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री अनिल विज पर कटाक्ष करते हुए कहा कि नूंह हिंसा के बाद गृह मंत्री का बयान आता है कि उन्हें तो मामले का पता ही नहीं है। उन्हें तो 3 बजे घटना के बारे में पता चला और वो भी किसी अन्य व्यक्ति से, फिर भी उन्हें पुलिस से कोई सूचना नहीं मिली। ऐसे महकमे का क्या फायदा है जिसकी न आंख है और न ही कान है। ऐसे महकमे और सीआईडी का क्या फायदा है। इससे ज्यादा सरकार की विफलता क्या हो सकती है।
पहली बैठक में लागू करेंगे ओपीएस
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही अपनी बैठक में पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को लागू किया जाएगा। जब हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में ओपीएस लागू किया जा सकता है तो हरियाणा की तो कोई बात ही नहीं। कांग्रेस की सरकार बनते ही प्रदेश में ओपीएस को लागू किया जाएगा।
नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दें संदीप सिंह
हरियाणा के पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह के सवाल पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि चार्जशीट लग चुकी है। कोर्ट में मामले को आगे ले जाया जाएगा। वहीं उनका मामना है कि संदीप सिंह को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। ऐसे में मुख्यमंत्री का भी कर्तव्य बनता है कि उन्हें पूर्व खेल मंत्री का इस्तीफा मांग लेना चाहिए। ये बात मैंने पहले भी कहीं थी और अब भी यही बात कह रहा हूं। अब तो चार्जशीट भी दाखिल हो चुकी है, उन्हें अब देरी नहीं लगाई चाहिए।
जमीन बहने से बदला यमुना का रास्ता
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि एनजीटी का कहना है कि सरकार ने यमुना का ही रास्ता बदल दिया। दादूपुर-नलवी नहर का रास्ता पाट दिया। किसी नहर की सफाई नहीं हुई। कुरुक्षेत्र के पास जो पानी का भराव हुआ है। इसका यही कारण है कि नहरों की सफाई और खोदाई नहीं करवाई गई है। हुड्डा ने माइनिंग मामले पर कहा है कि इसके भी कुछ नियम होते हैं। एक स्तर पर माइनिंग का कार्य किया जाता है। जब इससे गहरा चला जाता है। यह जमीन बहने का कारण है और तभी यमुना का रास्ता बदल गया है। जो बहाव यूपी की तरह होना चाहिए था और हरियाणा की तरफ हो गया है। सत्र के दौरान स्पीकर के समक्ष भी इस मुद्दे को उठाया गया है।
दो-दो वर्ष से अटके किसानों के मुआवजे, सरकार 15 दिन में देने की कर रही बात
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि किसानों के अब तक दो-दो वर्ष के मुआवजे अटके पड़े हैं, जबकि सरकार 15 दिन में खातों में मुआवजा भेजने की बात करती है। यह सरकार की विफलताएं ही हैं। जनसंवाद का क्या मतबल है। सरकार सिर्फ पोर्टल बनाने तक ही सीमित रह गई है। यहीं बैठे संवाद करना चाहती है, जबकि जमीनी हकीकत कुछ और है। जनसंवाद का उद्देश्य जनता सुरक्षा और सुविधा होना चाहिए। नूंह हिंसा मामले से कानून व्यवस्था की स्थिति स्पष्ट हो गई है। वहीं एनसीआरटी की रिपार्ट के अनुसार हम अपराध के शिखर पर पहुंच चुके हैं। हरियाणा को सबसे ज्यादा असुरक्षित प्रदेश माना जाने लगा है। यह कोई मेरा विचार नहीं, बल्कि एसपीओ की रिपोर्ट है, इसलिए कानून को अपना काम करना चाहिए।