हरियाणा मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) के स्वास्थ्य विभाग में दखल से नाराज चल रहे मंत्री अनिल विज के विभागों में बदलाव की तैयारी शुरू हो गई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल मंत्री अनिल विज से स्वास्थ्य विभाग वापस ले सकते हैं। इसके बदले में विज को शहरी स्थानीय निकाय विभाग की जिम्मेदारी वापस दी जा सकती है। प्रदेश सरकार के सूत्रों के अनुसार अनिल विज से स्वास्थ्य विभाग वापस लेकर कैबिनेट मंत्री डॉ. कमल गुप्ता को इसका प्रभार सौंपा जा सकता है।
बताया जा रहा है कि हरियाणा में कैबिनेट मंत्री अनिल विज के महकमों के बदलाव को लेकर जल्द ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व के साथ चर्चा करेंगे। अनिल विज भी स्वास्थ्य विभाग में सीएमओ के दखल और पहले के कुछ मामलों की शिकायत केंद्रीय नेतृत्व को करने की तैयारी में हैं। बता दें कि कैबिनेट मंत्री अनिल विज के पास फिलहाल 4 विभाग हैं। इसमें स्वास्थ्य विभाग, गृह मंत्रालय, मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च और आयुष शामिल है। 10 माह पहले हरियाणा में हुए 12 विभागों के मर्जर के बाद गृह मंत्री को दो विभाग छोड़ने पड़े थे। इस बदलाव के चलते गृहमंत्री अनिल विज से 2 विभाग वापस ले लिए गए थे। जिसमें तकनीकी शिक्षा और साइंस एंड टेक्नोलॉजी शामिल थे।
सीएमओ से नाराजगी पहली दफा नहीं
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज इससे पहले भी सीएमओ के हस्तक्षेप को लेकर नाराज हो चुके हैं। वर्ष 2014 में सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी के खिलाफ मुखर हुए थे, जहां बाद में मुख्यमंत्री ने अधिकारी से स्वास्थ्य महकमा वापस ले लिया था। मौजूदा कार्यकाल में विज का डीजीपी मनोज यादव के साथ लंबा विवाद चला। वहीं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज पिछले दिनों यमुनानगर में मेडिकल कालेज के निर्माण कार्य शुरू करने के अवसर पर अधिकारियों की ओर से निमंत्रण नहीं दिए जाने से भी खफा हो गए थे। उन्होंने लिखित में चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा था।
सीआईडी वापस लेने पर डेढ़ माह रहा विवाद
गृहमंत्री अनिल विज से 4 वर्ष पहले सीआईडी वापस ले लिया गया था। इसके बाद यह पोर्टफोलियो मुख्यमंत्री मनोहर लाल के विभागों में शामिल कर दिया गया था। गृहमंत्री अनिल विज और सीएम मनोहर लाल के बीच इसको लेकर करीब डेढ़ माह तक विवाद चला था। विवाद की शुरुआत सीएमओ के दो अधिकारियों को विज के विभागों में लगाए जाने से हुई थी।
सरकार ने मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी राजेश कुमार खुल्लर को गृह विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री के एडिशनल प्रिंसिपल सेक्रेटरी वी उमाशंकर को नगर निकाय में प्रधान सचिव का कार्यभार दिया था। सीएमओ के अफसरों को अपने महकमे में लगाए जाने से विज नाराज हुए और यहीं से विवाद शुरुआत हुई थी।