Jind: Principal found guilty in the case of sexual exploitation of 50 girl students, revealed in the panel report of the committee constituted by DC

Jind : Principal यौन शोषण का दोषी, पैनल रिपोर्ट में खुलासा, 50 छात्राओं के साथ Sexual Harassment का आरोप, एक कर चुकी सुसाइड

जींद बड़ी ख़बर हरियाणा

हरियाणा के जिला जींद के राजकीय स्कूल की 50 से अधिक छात्राओं के साथ यौन शोषण के मामले में प्रिंसिपल पर दोष सिद्ध हुए हैं। उपायुक्त के द्वारा जांच के लिए गठित की गई कमेटी की पैनल रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। इस मामले में एक छात्रा के द्वारा सुसाइड करने का भी आरोप शामिल है।

जानकारी अनुसार पीड़िता इसी स्कूल में 11वीं कक्षा की छात्रा थी। कुछ पीड़ित छात्राओं की ओर से 31 अगस्त को राष्ट्रपति और महिला आयोग को लिखे गए एक पत्र के कारण प्रिंसिपल के खिलाफ जांच शुरू की गई थी। हालांकि सुसाइड करने वाली छात्रा के परिजनों ने इस मामले में अपना बयान देने से इनकार कर दिया है।

क्या था पूरा मामला

सूत्रों के मुताबिक समाज के कमजोर वर्ग से ताल्लुक रखने वाली लड़की ने 30 सितंबर को स्कूल से लौटने के बाद अपने घर की पहली मंजिल पर एक कमरे में फंदा लगा लिया था। परिवार ने दावा किया कि वह हैरान रह गए। उन्होंने शव का अंतिम संस्कार कर दिया। घटना के बाद पीड़िता के घर का दौरा करने वाले एक अधिकारी ने खुलासा किया कि उसकी मां ने उसकी मौत से पहले के दिनों में उस पर कोई दबाव या अवसाद के लक्षण देखने से इनकार किया था। जींद के पुलिस अधिकारियों का कहना है कि छात्राओं द्वारा आत्महत्या की तीन घटनाओं की अफवाहें थीं, पुलिस को ऐसा कोई मामला नहीं मिला।

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मोबाइल फोन की फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार

इस मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कुछ लड़कियों ने आईपीसी की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने गवाही दे दी है। पुलिस के पास संदिग्ध के खिलाफ अदालत में चालान पेश करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। प्रिंसिपल को यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम की धारा 8 (यौन हमला), 10 (गंभीर यौन हमला) और आईपीसी की धारा 354, 341 और 342 के तहत मामला दर्ज करने के बाद 4 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। पुलिस ने उसका मोबाइल फोन जब्त कर फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है।

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महिला आयोग की चेयरपर्सन ने किए थे मामले में कई खुलासे

बता दें कि करीब 15 दिन पहले सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल पर छात्राओं से काले शीशे वाले कैबिन में छेड़छाड़ को लेकर महिला आयोग चेयरपर्सन रेणू भाटिया ने बड़े खुलासे किए थे। पंचकूला में पत्रकारों से बातचीत में रेणू भाटिया ने आरोप लगाते हुए बताया था कि जिला शिक्षा अधिकारी के पास पहले शिकायत गई थी, लेकिन उन्होंने कार्रवाई नहीं की। हमें पता चला तो 24 घंटे में केस दर्ज कराया।

वहीं प्रिंसिपल के पास 5 मोबाइल थे, जिनसे वह लड़कियों के साथ अश्लील चैटिंग करता था। यही नहीं, प्रिंसिपल पर केस दर्ज होने के बाद अब लड़कियों पर केस वापसी का दबाव बनाया जा रहा था। हमें लड़कियों ने फोन कर इसके बारे में जानकारी दी थी। इसके बाद जांच के लिए एसीपी को आदेश दे दिए थे।

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50 छात्राओं ने प्रिंसिपल के खिलाफ दिए थे बयान

आयोग की चेयरपर्सन रेणू भाटिया ने जानकारी देते हुए बताया था कि 50 छात्राओं ने प्रिंसिपल की छेड़छाड़ को लेकर शिकायत भेजी थी। इस मामले में जब छात्राओं से पूछताछ की गई तो 60 छात्राओं ने बयान दर्ज कराए थे। सभी छात्राएं नाबालिग हैं। उन्होंने कहा था कि अगली 14 नवंबर को वह छात्राओं के साथ मुलाकात करेंगी। साथ ही उन्होंने इस मामले में पुलिस अधीक्षक को फोन किया था, जिसके बाद कार्रवाई शुरू की गई। पहले कार्रवाई क्यों नहीं हुई? इसको लेकर सवाल खड़े हुए थे। ऐसे में सरकार की बदनामी का भी विषय है। उन्होंने कहा कि आरोपी प्रिंसिपल पहले भी जिन-जिन जगहों पर तैनात था, वहां भी इसकी यही शिकायतें आई थी।

कुर्सी के बगल में खड़ा कर करता था गंदी हरकत

छात्राओं ने चिट्‌ठी में आरोप लगाया था कि प्रिंसिपल करतार सिंह लड़कियों को कमरे में बुलाकर अश्लील हरकतें करता है। उसे जो लड़की पसंद आ जाती, उसे बहाने से बुला लेता था। फिर छात्रा को अपनी कुर्सी के बगल में खड़ी करके गंदी-गंदी बातें करता था। लड़कियों को गलत जगह पर हाथ लगाता था। कोई आता तो लड़की को दूर खड़ा कर देता और पढ़ाई की बात करने लग जाता था। उसने अपने केबिन में काले शीशे का गेट लगवा रखा था। जिसमें अंदर से बाहर सब कुछ दिखता लेकिन बाहर से अंदर कुछ नजर नहीं आता था।

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विरोध करने पर परिवार को झूठी शिकायत करने की देता था धमकी

​​​​​​​छात्राओं ने पत्र में आरोप लगाते हुए बताया था कि प्रिंसिपल करतार को जब उन्होंने कहा कि सरजी आप मेरे साथ गलत काम क्यों कर रहे हो। प्रिंसिपल ने उन्हें धमकाते हुए कहता था कि तू चुपचाप मान जा। जैसा बोल रहा हूं, वैसा कर, नहीं तो मुझे पता है कि तू कहां जाती है। मेरी बात नहीं मानी तो तेरे घर वालों को बुलाकर कहूंगा कि तू स्कूल से बाहर जाती है। तुझे लड़के के साथ देखा है। फिर तेरे घरवाले तुझे स्कूल नहीं भेजेंगे, मैं तेरी पढ़ाई बंद करवा दूंगा। इस तरह छात्राओं को टॉर्चर कर प्रिंसिपल का उद्देश्य अपनी हरकतों को अंजाम देना था।

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हिस्ट्री की लेक्चरर भी शामिल, प्रिंसिपल की थी दोस्त

छात्रा ने पत्र में आरोप लगाते हुए बताया था कि कुछ महीने पहले एक हिस्ट्री की लेक्चरर थी, जो प्रिंसिपल की दोस्त थी। वह जवान लड़कियों को प्रिंसिपल के कमरे में भेजती थी। प्रिंसिपल उनके साथ गलत काम करता था। टीचर और प्रिंसिपल की दोस्ती मशहूर थी। दोनों ऑफिस में बैठकर प्यार की बातें करते रहते। प्रिंसिपल लड़कियों को पास करने का लालच देकर गलत काम करता था। अगर कोई विरोध करता तो उसे फेल करने की धमकी देता था।

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एक लड़की ने शिकायत देने का किया प्रयास तो नहीं हुई थी सुनवाई

छात्रा ने आरोप लगाते हुए बताया था कि कई महीने पहले एक लड़की ने शिकायत की थी। एक सर ने उससे बात की। लड़की को यह कहकर चुप करवा दिया कि आज के बाद तूने मुझे पूछे बिना प्रिंसिपल के कैबिन में नहीं जाना। उस लड़की की पूरे स्कूल में बदनामी हुई थी। शर्म के मारे उसने स्कूल ही छोड़ दिया। मामले के बाद कुछ छात्राएं इतना सहम गई थी। छात्राओं का कहना था कि अगर प्रिंसिपल को उनके बारे में पता चला तो वह उनके साथ भी ऐसा ही करेगा।

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