एक तरफ जहां सर्दी बढ़ रही है तो वही घने कोहरे ने भी दस्तक दे दी है। यमुनानगर कोहरे की सफेद चादर में लिपटा हुआ नजर आया। विजिबिल्टी इतनी कम है कि वाहन रेंग रेंग कर चलने को मजबूर है। इस कोहरे के साथ तापमान में आई गिरावट ने ठंड की ठिठुरन को ओर बढ़ा दिया है। ऐसे में नौकरी व मजदूरी करने वाले लोगो को बहुत कठिनाई हो रही है। सभी वाहनो की हेड लाइट ऑन करके चल रहे है ताकि आगे रास्ता दिखाई दे।
यमुनानगर के गांव लाहर ताहरपुर के सनी ने बताया कि व नोकरी करते है व रोजाना साइकिल पर ही नोकरी पर जाते है। लेकिन आज धुंद ज्यादा होने की वजह से उन्हें बहुत दिक्कत आई। आज सबसे ज़्यादा धुंद है , कुछ भी दिखाई नही दे रहा। धुंद के साथ साथ ठंड भी बढ़ गयी है। ऐसे में सड़क पर निकलने वालो को यही हिदायत है कि वो सावधानी से चले ताकि इस कोहरे के कहर में हादसे का शिकार न हो।

कोहरे से बढ़ रहा प्रदूषण
कोहरे का सीधा असर प्रदूषण के स्तर पर भी पड़ा। शुक्रवार को शहर में प्रदूषण का स्तर 147 तक पहुंच गया। कोहरे की वजह से वातावरण में नमी आ जाती है, जिसकी वजह से भारी धूल कण अधिक ऊपर नहीं जा पाते। इन्हीं धूल कण की वजह से प्रदूषण का स्तर बढ़ता है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की क्षेत्रीय अधिकारी वीरेंद्र पूनिया का कहना है कि सर्दियों में बढ़ते प्रदूषण के स्तर पर निगरानी की जा रही है।

गेंहू की फसल के लिए अच्छा है कोहरा
किसानों ने बताया कि कोहरा गेहूं की फसल के लिए अच्छा साबित होता है। क्योंकि सर्दी बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। गेहूं के लिए जितनी ज्यादा सर्दी होती है, उसका उतना ही फायदा होता है। यदि सर्दी ऐसे पड़ती रही, तो निश्चित रूप से गेहूं का अच्छा उत्पादन होगा। कृषि विभाग के अधिकारियों का भी कहना है कि कोहरा इस सर्दी के मौसम में बहुत कम पड़ा है। इसलिए अभी तक किसी भी फसल में कोई नुकसान नहीं है। कोहरा तो वैसे ही पानी होता है। पाले का जरूर सब्जियों में नुकसान होता है।
