किसान आंदोलन का शुक्रवार को 11वां दिन है। किसान मजदूर मोर्चा आज दिल्ली कूच पर फैसला लेंगे। 21 फरवरी को खनौरी बॉर्डर पर शुभकरण सिंग की मौत के बाद किसानों ने दिल्ली कूच रोक दिया था। एमएसपी गांरटी कानून समेत अन्य मांगों को प्रदर्शन कर रहे किसान आज शुक्रवार को काला दिवस मना रहे है। किसान आंदोलन के दौरान 21 साल के शुभकरण सिंह की मौत के विरोध में सयुंक्त किसान मोर्चा ने काला दिवस मनाने का ऐलान किया था। दिल्ली कूच पर आज फैसला होने की उम्मीद है। इस बीच पंजाब के सीएम भगवंत मान ने शुभकरण के परिवार को पंजाब सरकार की तरफ से एक करोड़ की मदद और छोटी बहन को सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया है। उन्होंने दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई का भी भरोसा दिया है।
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि शुभकरण सिंह की मौत के बाद पंजाब सरकार से बातचीत चल रही थी। हमारी सभी मांगे मान ली गई है। हमला करने वालों के खिलाफ धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। पंजाब सरकार शुभकरण सिंह को शहीद का दर्जा देगी। पोस्टमार्टम के लिए बोर्ड गठित किया जाएगा और उसकी वीडियोग्राफी कराई जाएगी।
21 फरवरी को हुई थी शुभकरण की मौत
शुभकरण इससे पहले भी 2020-2021 में भी हुए किसान आंदोलन में शामिल हुआ था। उस समय उसकी उम्र महज 17 या 18 साल थी। शुभकरण सिंह बठिंडा जिले के रामपुरा इलाके के बल्लो गांव का रहने वाला था। 21 फरवरी (बुधवार) को किसान नेताओं की तरफ से दिल्ली कूच का ऐलान किया गया था। शुभकरण आंदोलनकारी किसानों के साथ खनौरी बॉर्डर पर मौजूद था। किसानों ने जब बॉर्डर क्रॉस करने की कोशिश की तो हरियाणा पुलिस ने उन पर आंसू गैस के बम और रबर की गोलियां चलाईं। अफरातफरी के माहौल में शुभकरण सिंह के सिर के पिछले हिस्से में अचानक कुछ लगने से वह गिर गया। साथी किसान उसे पटियाला के राजेंद्रा अस्पताल लेकर पहुंचे, वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। शुभकरण सिंह 2 बहनों का इकलौता भाई है। उसकी मां का निधन हो चुका है, जिसके बाद दादी सुखजीत कौर ने तीनों भाई-बहनों की परवरिश की। शुभकरण की बड़ी बहन गुरप्रीत कौर की शादी हो चुकी है जबकि छोटी बहन जसप्रीत कौर गांव के ही सरकारी स्कूल में 12वीं की स्टूडेंट है। शुभकरण खुद अविवाहित था।
शुभकरण के परिवार पर 18 लाख का कर्ज
शुभकरण के पिता चरणजीत सिंह की बल्लो गांव में डेढ़ किला जमीन है। वह इसी जमीन पर खेती करके परिवार का गुजर-बसर चलाते हैं। शुभकरण खेती में अपने पिता की मदद करता था। उनका परिवार कच्चे मकान में रहता है। शुभकरण के पड़ोसी गुरविंदर सिंह और गांव के नंबरदार अवतार सिंह ने बताया कि चरणजीत सिंह के परिवार पर 18 लाख रुपए का कर्ज है।
एनएसए की कार्रवाई का फैसला वापस
उधर, आंदोलन कर रहे किसानों के खिलाफ हरियाणा पुलिस ने गुरुवार देर रात राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई शुरू की थी। लेकिन यह फैसला वापस ले लिया गया है। अंबाला रेंज के आईजी सिबाश कबिराज ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने किसानों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
खनौरी बॉर्डर पर ड्यूटीरत डीएसपी की मौत
खनौरी बॉर्डर पर मलेरकोटला के डीएसपी दिलप्रीत सिंह की ड्यूटी थी। शुक्रवार सुबह उनकी जिम में तबियत बिगड़ी। उन्हें लुधियाना अस्पताल ले जाया गया। जहां उनकी मौत हो गई। वह रात 8 बजे से लेकर सुबह 4 बजे तक खनौरी बॉर्डर पर ड्यूटीरत थे। 4 बजे ड्यूटी खत्म होने के बाद वे अपने घर गए। जहां जिम के दौरान चेस्ट पेन हुआ। इसके बाद उनकी जान चली गई।
जारी लेटर में क्या कहा था पुलिस ने?
हरियाणा की अंबाला पुलिस ने एक लेटर जारी करते हुए आंदोलनकारी किसानों पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA), 1980 के तहत कार्रवाई करने का ऐलान किया था। अंबाला पुलिस द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि ‘दिल्ली चलो’ मार्च के तहत किसान शंभू बॉर्डर पर लगाए गए बैरियर को तोड़ने का प्रयास कर रहे थे। पुलिस ने विरोध किया तो प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया। सार्वजनिक और सरकारी संपत्ति को नष्ट किया। कानून व्यवस्था को तोड़ने का प्रयास किया।
बयान में कहा गया है कि टकराव में लगभग 30 अधिकारी घायल हो गए। जिनमें से एक को ब्रेन हैमरेज हुआ और दो लोगों की जान चली गई। कुछ किसान नेताओं ने सद्भाव बिगाड़ने के लिए व्हाट्सएप, फेसबुक, टेलीग्राम और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर झूठ फैलाया। हरियाणा पुलिस ने कहा कि विरोध प्रदर्शन के दौरान सरकारी संपत्ति को हुए नुकसान के लिए किसान नेताओं से मुआवजा मांगने की कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
3 पुलिसकर्मियों की मौत, 30 से अधिक घायल
हरियाणा पुलिस ने गुरुवार को कहा कि किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान अब तक अंबाला जिले में दो पुलिस अधिकारियों की मौत हो चुकी है। एक को ब्रेन हैमरेज हुआ है। 30 से अधिक घायल हुए हैं।