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Punjab-Haryana के अधिकतर शहरों का AQI चल रहा 300 पार, सांस के मरीजों के लिए तकलीफ

पंचकुला हरियाणा

पंजाब के अमृतसर से दिल्ली तक एयर पॉल्यूशन ने सभी की चिंताओं को बढ़ा दिया है। पराली का धुआं अब धुंध के साथ मिलकर एयर-क्वालिटी को बुरी तरह से डैमेज कर रहा है। पंजाब-हरियाणा के अधिकतर शहरों का एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 के पार चल रहा है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने भी गंभीरता दिखाते हुए दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, यूपी और राजस्थान को एफिडेविट देने को कहा है।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि उत्तरी राज्य एफिडेविट दें कि प्रदूषण को कम करने के लिए क्या-क्या कदम उठाए गए हैं। वहीं हरियाणा का बहादुरगढ़ और दिल्ली का बवाना देश के सबसे प्रदूषित शहर चल रहे हैं। आज सुबह 9 बजे के आंकड़ों के अनुसार, यहां का एवरेज एक्यूआई 376 चल रहा है। वहीं अमृतसर से दिल्ली तक के अन्य शहरों की बात करें तो कोई भी शहर सांस लेने के लिए सुरक्षित नहीं है। डॉक्टर्स की माने तो बीते 10 दिनों में अचानक दमा, सांस के रोग आदि बीमारियों के मरीज अचानक से बढ़े हैं। दमा के मरीजों के लिए ये हवा जानलेवा है। उन्हें मास्क पहन बाहर निकलने की हिदायत दी गई हैं, जबकि अन्य को भी अपना मुंह ढक कर ही बाहर निकलना चाहिए।

पंजाब में सबसे प्रदूषित शहर बठिंडा चल रहा
मंगलवार की बात करें तो बठिंडा पंजाब में सबसे प्रदूषित शहर चल रहा है। यहां का एवेरज एक्यूआई 345 तो अधिकतम 384 रिकार्ड किया गया। वहीं पटियाला का एवरेज एक्यूआई 236 तो अधिकतम 310, रूप नगर का अधिकतम एक्यूआई 228 तो एवरेज 360 और लुधियाना का एक्यूआई एवरेज 216 तो अधिकतम 317 दर्ज किया गया है। 300 से अधिक एक्यूआई को रेड अलर्ट में रखा जाता है।

हरियाणा में बहादुरगढ़-फरीदाबाद साढ़े 300 पार
हरियाणा की बात करें तो यहां भी अधिकतर शहरों का एक्यूआई 300 से पार चल रहा है। बहादुरगढ़ में एक्यूआई एवरेज 376 तो अधिकतम 415 रहा। फरीदाबाद में एवरेज एक्यूआई 356 तो अधिकतम 470 रहा है। कैथल में एवरेज एक्यूआई 345 तो अधिकतम 381 रहा है।

दिल्ली के अन्य शहरों का एक्यूआई करीब 350
दिल्ली की हवा की बात करें तो यहां आज भी हवा दम घोंटने वाली है। दिल्ली के बवाना का एवेरेज एक्यूआई 376 चल रहा है, जो हरियाणा के बहादुरगढ़ के बराबर ही है। वहीं दिल्ली के अन्य शहरों का एयर क्वालिटी इंडेक्स 350 के करीब चल रहा है। पंजाब में बीते रविवार एक ही दिन में 760 प्रतिशत पराली जलाने के मामलों में उछाल देखने को मिला। जिससे उत्तर भारत में चिंताओं को बढ़ा दिया है। राज्य में अभी तक पराली जलाने की 5,254 घटनाएं सामने आई हैं। रविवार को 1,068 खेतों में आग लगाई गई, जबकि पिछले शनिवार यह आंकड़ा 127 घटनाओं में सिमट गया था।

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