पंजाब के एक छोटे से इलाके से कड़ाकड़ाती ठंड में एक युवक अपनी गर्भवती पत्नी को बाइक रेहड़ी में बैठा अंबाला सिटी के सिविल अस्पताल लेकर पहुंचा। यहां वह बार-बार अस्पताल स्टाफ से गर्भवती पत्नी की तबीयत बिगड़ने की बात कहकर बार-बार पत्नी को डिलिवरी वार्ड में ले जाने की गुहार लगाता रहा, लेकिन आरोप है कि ड्यूटी पर तैनात किसी डॉक्टर व स्टाफ ने उनकी कोई सुनाई नहीं की। उसकी गर्भवती पत्नी को स्ट्रक्चर उपलब्ध नहीं कराया गया। इसी दौरान दर्द से तड़तपी गर्भवती महिला ने अस्पताल के बाहर ही बच्चे को जन्म दे दिया।
पीड़ित व्यक्ति शालू का कहना है कि वो मोहाली के छोटे इलाके से अपनी गर्भवती पत्नी सुमन को सोमवार रात करीब साढ़े 10 बजे बाइक रेहड़ी में अंबाला सिटी के सिविल अस्पताल लेकर पहुंचा था। शालू का कहना है कि वह डॉक्टर और अस्पताल स्टाफ को भगवान मानता था, लेकिन सोमवार रात की हरकत के बाद उसका भरोसा उठ गया। उसकी पत्नी व नवजात को केवल भगवान ने ही बचाया।
अस्पताल स्टाफ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग
युवक ने लापरवाह स्टाफ कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। उधर, सरकारी अस्पताल के स्टाफ की लापरवाही पर हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने संज्ञान लिया है। अनिल विज ने कहा कि मामले की गंभीरता से जांच करवाई जाएगी। लापरवाही करने वाले किसी भी स्टाफ या डॉक्टर को बख्शेंगे नहीं। अस्पताल प्रशासन ने गठित की कमेटी वहीं, नागरिक अस्पताल अंबाला शहर की प्रिंसिपल मेडिकल ऑफिसर डॉ. संगीता सिंगला ने बताया कि उन्हें आज ही इस मामले में स्टाफ की लापरवाही की शिकायत मिली है, जिस पर उन्होंने एक जांच कमेटी गठित कर दी है। जांच कमेटी की रिपोर्ट आने पर इसमें जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।