बीज और दवाई बेचने वालों के लिए क्यूआर कोड अनिवार्य 30 अप्रैल तक जरूरी है लाइसेंस अपग्रेड

बीज और दवाई बेचने वालों के लिए क्यूआर कोड अनिवार्य, 30 अप्रैल तक जरूरी है लाइसेंस अपग्रेड

हरियाणा


क्यूआर कोड से खरीदी-बिक्री में पारदर्शिता आएगी, निरीक्षण में अधिकारियों को मिलेगी तुरंत जानकारी
जिले में करीब 50% लाइसेंस धारक अब तक कर चुके हैं अपग्रेड, बाकी को दी गई अंतिम तिथि


QR Code License : हरियाणा के सोनीपत जिले में कृषि विभाग ने एक बड़ी तकनीकी पहल करते हुए खाद, बीज और दवाइयों की बिक्री से जुड़े सभी लाइसेंस धारकों के लिए क्यूआर कोड को अनिवार्य कर दिया है। यह नई व्यवस्था 30 अप्रैल 2025 तक लागू की जानी है, जिसके बाद कोई भी विक्रेता बिना क्यूआर कोड के इन उत्पादों की खरीद-फरोख्त नहीं कर पाएगा।

इस प्रणाली का उद्देश्य खरीदी-बिक्री प्रक्रिया को पारदर्शी और डिजिटल रूप से सक्षम बनाना है। कृषि उपनिदेशक डॉ. पवन शर्मा ने बताया कि जिले में बीज के 681, खाद के 795 और दवाइयों के 851 लाइसेंस धारक पंजीकृत हैं। इनमें से लगभग 50 प्रतिशत विक्रेताओं ने अब तक अपने लाइसेंस को अपग्रेड करवा लिया है।

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क्यूआर कोड के ज़रिए कृषि विभाग के अधिकारी निरीक्षण के दौरान लाइसेंस धारक की पहचान, लाइसेंस वैधता, उसकी अवधि और फोटो जैसी जानकारी तुरंत प्राप्त कर सकेंगे। इस कोड को दुकानों के बाहर भी प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा, जिससे किसान स्वयं भी स्कैन करके लाइसेंस की वैधता की पुष्टि कर सकेंगे। इससे नकली या अनधिकृत विक्रेताओं पर भी लगाम लगेगी।

कृषि विभाग का कहना है कि 30 अप्रैल की अंतिम तारीख के बाद बिना अपग्रेड लाइसेंस वाले विक्रेताओं को उत्पाद बेचने या खरीदने में तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। डॉ. शर्मा ने सभी विक्रेताओं से अपील की है कि वे समय रहते अपने लाइसेंस को क्यूआर कोड के साथ अपडेट करवा लें, ताकि बिक्री प्रक्रिया में किसी प्रकार की बाधा न आए।