Haryana विधानसभा में 2024 के चुनाव के परिणामों के बाद से राजनीतिक गलियारों में एक नई हलचल मच गई है। 23 नवनिर्वाचित विधायकों के चुनाव को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है, भाजपा, कांग्रेस, इनेलो और निर्दलीय विधायकों के खिलाफ दायर की गई याचिकाएं चुनाव प्रक्रिया को लेकर गंभीर सवाल उठाती हैं।
कौन-कौन से मंत्री और विधायक हैं निशाने पर?
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के कैबिनेट के चार मंत्रियों—स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव, शहरी निकाय मंत्री विपुल गोयल, शिक्षा मंत्री महिपाल सिंह ढांडा और खेल राज्य मंत्री गौरव गौतम के चुनाव को अवैध घोषित करने की मांग की गई है। इन मंत्रियों के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं कि उन्होंने सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया और मतदाताओं को जातिवाद तथा धर्म के आधार पर प्रभावित किया।
भाजपा के 18 विधायक भी संकट में
भाजपा के 18 विधायकों पर आरोप हैं कि उन्होंने चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन किया और सत्ता का गलत इस्तेमाल किया। इनमें से कई विधायकों पर आरोप हैं कि उन्होंने ईवीएम में गड़बड़ी की और सरकारी कर्मचारियों का दबाव बनवाया। इन याचिकाओं की सुनवाई अगले महीने से जारी रहेगी।
कांग्रेस और इनेलो विधायकों पर भी संकट
कांग्रेस और इनेलो के कुछ विधायकों के खिलाफ भी याचिकाएं दायर की गई हैं। इनमें से कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा, इनेलो विधायक आदित्य देवीलाल, और कांग्रेस विधायक राजवीर फरटिया के चुनावों को लेकर भी सवाल उठाए गए हैं।
राजनीति के खेल में नया मोड़
हरियाणा में इस बार विधानसभा चुनाव के नतीजे कई पार्टी नेताओं और विधायकों के लिए बड़ी चुनौती बन गए हैं। अब देखना होगा कि इन याचिकाओं का उच्च न्यायालय पर क्या असर पड़ता है और किस तरह से इन विवादों का समाधान होता है।