Haryana में लोकसभा चुनाव में पांच सीटें हारने के बाद भारतीय जनता पार्टी(BJP) में विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री(CM) पद को लेकर दावेदारी शुरू हो गई है। गुरुग्राम लोकसभा सीट से चुनाव जीतने वाले राव इंद्रजीत सिंह(Rao Indrajit) ने मुख्यमंत्री पद की दावेदारी करते हुए अपने समर्थकों को संबोधित किया।
लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए राव इंद्रजीत सिंह ने कहा, “हमें हरियाणा विधानसभा चुनाव की तैयारी करनी है। जो हमसे नाराज हो गया है, उसे मनाना है। दक्षिण हरियाणा के माध्यम से ही सत्ता में आना है। हमें संगठित होकर मजबूत रहना है। हो सकता है कि हरियाणा में समय से पहले विधानसभा चुनाव हो जाएं। राव इंद्रजीत सिंह ने अपनी बेटी आरती राव को भी चुनाव में उतारने की बात कही। उन्होंने कहा मैं आरती(Aarti) को इस बार चुनाव जरूर लड़ाऊंगा। पहले तो वह कहती थी, लेकिन अब मैं कह रहा हूं।
राव इंद्रजीत सिंह ने चौधरी धर्मबीर सिंह के बारे में बात करते हुए कहा, “हमारे बगल वाले क्षेत्र में चौधरी धर्मबीर सिंह चारों विधानसभा सीटों पर हार रहे थे, लेकिन मेरे जाने के बाद वहां हमारे लोगों ने भरपूर समर्थन दिया। धर्मबीर की खुद की बिरादरी के लोगों ने उन्हें वोट नहीं दिए, लेकिन हमारे क्षेत्र के लोगों ने उन्हें जीत दिलाई। यही हमारी ताकत है।”
दक्षिण हरियाणा में यादव बाहुल्यता
दक्षिण हरियाणा में 14 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से 11 सीटें यादव बाहुल्य हैं। दक्षिण हरियाणा ही राज्य की राजनीति का केंद्र रहा है। राव इंद्रजीत सिंह के पिता, राव बीरेंद्र सिंह, इस क्षेत्र से मुख्यमंत्री बने थे। इसके बाद इस इलाके से कोई दूसरा नेता मुख्यमंत्री पद तक नहीं पहुंचा। राव इंद्रजीत सिंह अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। 2014 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने के बाद उन्होंने कई बार मुख्यमंत्री पद को लेकर अपनी मंशा जाहिर की, लेकिन उनकी इच्छा अभी तक पूरी नहीं हो पाई है।
बीजेपी की दक्षिण हरियाणा में मजबूती
हरियाणा के अन्य क्षेत्रों की तुलना में बीजेपी दक्षिण हरियाणा में सबसे ज्यादा मजबूत है। राज्य में सरकार बनाने में दक्षिण हरियाणा का अहम रोल रहा है। इस बार भी अन्य इलाकों की तुलना में लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने दक्षिण हरियाणा की दोनों सीटें, गुरुग्राम और भिवानी-महेंद्रगढ़, पर जीत दर्ज की है। इससे राव इंद्रजीत सिंह की उम्मीदें फिर से बढ़ गई हैं।
राव इंद्रजीत की राजनीतिक यात्रा
राव इंद्रजीत सिंह ने 2014 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामा था। इसके बाद से ही वे मुख्यमंत्री पद की दावेदारी करते रहे हैं। हालांकि, अभी तक उनकी यह इच्छा पूरी नहीं हो पाई है। उनके पिता, राव बीरेंद्र सिंह, हरियाणा के मुख्यमंत्री रह चुके हैं, और अब राव इंद्रजीत अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।
विधानसभा चुनाव की तैयारी
राव इंद्रजीत सिंह ने अपने समर्थकों को विधानसभा चुनाव की तैयारी करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा, “हमें हरियाणा के चुनाव की तैयारी करनी है। जो हमसे नाराज हो गया है, उसे मनाना है। दक्षिण हरियाणा के माध्यम से ही सत्ता में आना है। हमें संगठित होकर मजबूत रहना है।