नूंह हिंसा के बाद याद आया रैपिड एक्शन फोर्स केंद्र, राज्यमंत्री के प्रयासों पर समय रहते नहीं दिया था ध्यान

नूंह हरियाणा

नूंह हिंसा के बाद एक बार फिर से रैपिड एक्शन फोर्स केंद्र की याद आने लगी है। राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह केंद्र के लिए लंबे समय से प्रयास भी कर रहे हैं। वर्ष 2018 में केंद्र की स्थापना के लिए मंजूरी भी मिल गई थी।

हरियाणा सरकार की ओर से इंडरी में 50 एकड़ जमीन भी चिन्हित कर ली गई थी, लेकिन इसके बाद प्रशासनिक औपचारिकताओं में मामला फंसता चला गया। परिणाम यह निकला कि अभी तक इस ओर कोई ध्यान ही नहीं दिया जा रहा है। सासंद व मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को चार अक्तूबर 2022 को लिखे अपने पत्र में भी इस मांग को उठाया था। उन्होंने पत्र के माध्यम से यह बताने की कोशिश की थी कि केंद्र बनने को लेकर क्या दिक्कत आ रही है। किस तरह से अधिकारी इसमें अड़ंगा लगा रहे हैं।

रास्ते को जाम कर देते हैं असामाजिक तत्व

राव इंद्रजीत ने बताया कि यहां चुनाव के दौरान स्थिति कई बार बहुत नाजुक हो जाती है। असमाजिक तत्व रास्ते तक जाम कर देते हैं। जिस वजह से पुलिस पीड़ितों तक समय पर नहीं पहुंच पाती। उन्होंने बताया कि पहले भी इस तरह की घटना हो चुकी है और वैसे भी यह इलाका अति संवेदनशील इलाकों में आता है।

सीआरपीएफ को नहीं मिल रहा प्रदेश के अधिकारियों का सहयोग

राज्यमंत्री ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री को बताया कि सीआरपीएफ के अधिकारी परेशानियों को लेकर लगातार प्रदेश के अधिकारियों से मिल रहे हैं, लेकिन उनकी परेशानियों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कुछ ऐसे काम भी हैं, जो प्रदेश सरकार के स्तर पर किए जाने हैं, लेकिन उन्हें पूरा कराने की ओर तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

सीएलयू फीस माफ करने का किया था आग्रह

राव इंद्रजीत ने अपने पत्र में यह भी लिखा था कि अधिकारी केंद्र के लिए जमीन का सीएलयू देने के लिए 50 लाख रुपये फीस मांग रहे हैं। उन्होंने तर्क दिया कि यह केंद्र इलाके की संवेदनशील परिस्थितियों का देखते हुए स्थापित किया जा रहा है, इसलिए फीस माफ की जानी चाहिए। इसी तरह उन्होंने रैपिड एक्शन फोर्स केंद्र के लिए बिजली और पानी की समस्या को दूर करने की दिशा में उचित कदम उठाने का आग्रह किया था।

टीवीएसएन

अब आने लगी केंद्र की याद

गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने बताया कि नूंह में स्थायी तौर पर रैपिड एक्शन फोर्स का एक केंद्र बनाया जाएगा। इस दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। मामले में बड़ा सवाल यह है कि जब राज्यमंत्री ने सारी परिस्थियों को सामने रखते हुए केंद्र की मांग की थी तो उनकी ओर ध्यान क्यों नहीं दिया गया। सूत्रों का कहना है कि यदि यहां रैपिड एक्शन फोर्स केंद्र होता तो इस तरह की घटना रोकी जा सकती थी।

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