हरियाणा के रेवाड़ी जिले में लंबे समय से कृषि विकास अधिकारी के स्वीकृत 37 पदों में से 33 पद खाली हैं। सिर्फ 4 अधिकारियों पर 348 पंचायतों के 412 गांवों की जिम्मेदारी टिकी हुई है। एक एडीओ के हिस्से में 100 से ज्यादा गांव आ जाने के कारण वह अपनी जिम्मेदारी सही से निभा पाने में असमर्थ हैं। एडीओ के खाली पदों को भरने के लिए किसानों से लेकर कृषि विकास अधिकारी यूनियन के सदस्य कई बार मांग उठा चुके हैं, लेकिन अभी इन 33 पदों पर अधिकारियों की नियुक्ति नहीं हुई है।
इन पदों पर अधिकारी नियुक्त नहीं होने के कारण किसान कृषि विभाग की योजनाओं की जानकारी से वंचित रह जाते हैं। सरकारी योजनाओं की जानकारी किसानों को समय पर न मिलने से सीधे तौर पर जिले की कृषि ही प्रभावित हो रही है। किसानों को सरकार की महत्वपूर्ण योजना मेरा पानी मेरी विरासत, मेरी फसल मेरा ब्योरा व अन्य योजनाओं के बारे में सही से अवगत नहीं करा पा रहे हैं।
किसानों को फसल रोगों की नहीं मिल पा रही सही जानकारी
अधिकारियों की संख्या कम होने का नतीजा यह है कि विभाग किसानों को सही खाद-बीजों का प्रयोग तथा फसल रोगों की सही व सटीक जानकारी नहीं दे पा रहा है। फसल में किस किस्म का खाद देना है, दवाई देकर लगने वाले रोगों को कैसे खत्म करना है, दवाई देने की प्रक्रिया क्या है, किस समय फसल की कैसे देखभाल करनी है, जैसी तमाम योजनाओं से किसान अधिकारियों के अभाव में वंचित हैं, जिससे कृषि प्रभावित हो रही है।
इन अधिकारियों के है पद खाली
विभाग के पास फिलहाल 4 एडीओ हैं, जो धारूहेड़ा, भाड़ावास, कापड़ीवास तथा कुंड में तैनात हैं। इसके अलावा रेवाड़ी खंड के रेवाड़ी, बूढ़पुर, हांसाका, मसानी, काकोड़िया, जाटूसाना खंड के डहीना, बेरली कलां, जाटूसाना, करावरा, मानकपुर, पाल्हावास, खोल खंड के पाली, धामलावास, खोरी, मंदौला, सीहा, मूंदी, बावल खंड के मोहनपुर, सुलखा, नांगल शहबाजपुर, मंगलेश्वर, बावल, बोलनी, प्राणपुरा, नाहड़ खंड के गुड़ियानी, जखाला, बिसोहा, नाहड़, झाड़ौदा, जुड्डी, नठेड़ा व कोसली रिक्त हैं।