हरियाणा के रेवाड़ी जिले में हुई किसानों की जमीन से जुड़ी एक गंभीर घटना में अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश ने कार्रवाई के लिए हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक गुरुग्राम प्रशासक और भूमि अधिग्रहण अधिकारी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं। इसमें स्पष्ट होता है कि उन्होंने किसानों को बढ़ाई गई मुआवजा राशि नहीं दी थी।
अदालत ने यह निर्णय लेते हुए कहा है कि कोर्ट के पूर्व आदेशों के बावजूद एचएसवीपी के मुख्य प्रशासक और अन्य अधिकारीगण कारवाई में लापरवाही की गई है, इसलिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। उन्होंने 16 जनवरी को पेश होने के लिए कहा है। अदालत ने इस मामले में गंभीरता को देखते हुए यह भी निर्देश दिए हैं कि इस गिरफ्तारी वारंट के लिए एसपी रेवाड़ी को डीएसपी नियुक्त करें, ताकि अधिकारियों को समय पर गिरफ्तार किया जा सके। इसमें यह भी कहा गया है कि अगर अधिकारी वारंट के तहत नहीं होते हैं, तो उन्हें स्वयं हाजिर होना चाहिए और स्थिति को स्पष्ट करना चाहिए।
40 लाख रूपये का नहीं मिला था मुआवजा
मामले में रेवाड़ी जिले के कई किसानों को साल 1989 और 1990 में हुई जमीन का बढ़ा हुआ मुआवजा नहीं मिला था, जिसका राशि लगभग 40 लाख रुपए था। इसके बावजूद कई बार एचएसवीपी के अधिकारीगण को कारण बताओं नोटिस देने के बावजूद भी मुआवजा राशि नहीं दी गई थी।
किसानों को मिले इंसाफ : अदालत
इस सख्त कार्रवाई के माध्यम से आदालत ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि किसानों को उनके हक का पूरा मुआवजा मिले और उन्हें इंसाफ मिले। यह मामला गहराई से जांचा जा रहा है और इसे आगे बढ़ाने के लिए 16 जनवरी को अगली सुनवाई के लिए तारीख तय की गई है।