हरियाणा के रेवाड़ी शहर के बावल रोड पर आने वाले सड़क किनारे में बसेरा बनाए रहने वाले गरीब परिवारों के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। हाल ही में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) ने इन परिवारों की झुग्गी-झोपड़ी को हटा दिया। जिसके चलते उनके सामान को भी क्षति हो गई। इस कार्रवाई के परिणामस्वरूप 20 से ज्यादा परिवारों को रात भर खुले आसमान तले गुजारनी पड़ी।
बता दें कि सर्दी की ठंड में 10 डिग्री सेल्सियस तापमान में रह रही 30 साल की अंजली नामक महिला ने अपनी 3 दिन की बच्ची के साथ रात बिताई। एचएसवीपी की कार्रवाई को लेकर उच्चारण करते हुए एडवोकेट कामरेड राजेंद्र सिंह ने सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाया और बताया कि वे जरूरतमंदों के लिए रैन बसेरे लगा रही है, लेकिन इसके बावजूद गरीबों के आशियानों को उजाड़ा जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि यह अस्थाई अतिक्रमण है, जबकि शहर में कई प्रभावशाली लोग अवैध कब्जा कर रखे हैं, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। झोपड़ी हटाने के बाद, अंजली और उसके साथी गरीब परिवारों को खुद के सामान तक निकालने का मौका नहीं मिला, जिससे उन्हें रात गुजारनी पड़ी।
बिक्री के लिए रखे मिट्टी के टूट गए बर्तन
इस दौरान झोपड़ी में रहने वाले लोगों का सामान और बिक्री के लिए रखे गए मिट्टी के बर्तन भी टूट गए। कार्रवाई के दौरान झोपड़ी में रहने वाले लोगों ने अधिकारियों से समय मांगा, लेकिन विभाग ने कार्रवाई जारी रखी। कार्रवाई के बाद अधिकारी वहां से चले गए, लेकिन गाड़ियां लोहारों ने वहीं अपना डेरा बनाया रखा, जिसके चलते लोगों को रात गुजारना पड़ा।
अधिकारियों ने नहीं दिया समय
मामले में झोपड़ी में रहने वाले लोगों ने अधिकारियों के सामने समय देने की मांग की, लेकिन उनकी यात्रा का अंत कार्रवाई के बाद हुआ। पूरी जमीन को साफ करने के बाद भी लोगों को रात गुजारनी पड़ी, जो इस समस्या की गंभीरता को दर्शाता है।