Rewari जिले में नेशनल हाइवे(National Highway)-71 पर एक इलेक्ट्रिक कार में आग लग गई। घटना रात के करीब 10 बजे शुरू हुई थी, जब मुकेश और उनके दोस्त रामगढ़ चौक की ओर जा रहे थे। उन्होंने कार के डैशबोर्ड पर चमक(glow on dashboard) देखी और जैसे ही वे नजदीक पहुंचे, उन्हें आग लगी हुई मिली।
मुकेश ने बताया कि उन्होंने तुरंत कार को साइड पर रोका, लेकिन जब वे दरवाजा खोलने की कोशिश की, तो उन्हें यह मालूम हुआ कि कार सेंट्रल लॉक हो चुकी थी। उन्होंने डैशबोर्ड पर हाथ मारा, जिससे कार का लॉक खुल गया और उन्होंने अपनी और दोस्त की जान बचाई। जिसके बाद वे निकलकर अपनी जान की सुरक्षा करने के लिए आस-पास मदद के लिए दौड़े, लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं मिली और कुछ ही समय में कार पूरी तरह से जल गई। मुकेश ने बताया कि उन्होंने इस इलेक्ट्रिक कार को करीब दो साल पहले खरीदा था और यह वह खुद चला रहे थे।

घटना के चश्मदीद मनोज ने बताया कि वे भी उस समय वहां मौजूद थे। उन्होंने तुरंत पुलिस और फायर ब्रिगेड को सूचित किया, लेकिन जब तक उनकी गाड़ी पहुंची, कार पूरी तरह से जल चुकी थी। घटना ने लोगों में अचंभितता मचाई, क्योंकि आग बहुत तेजी से फैल गई थी और कार को बचाने का कोई मौका नहीं मिला। सम्भावना है कि आग कार के बैटरी से फैली हो, जो इलेक्ट्रिक कारों में आम बात होती है।
कार में मौजूद युवक जल सकता था जिंदा
इलेक्ट्रिक कारों के प्रयोग में बढ़ते हुए रूचि के कारण घटना ने लोगों को विचारने पर मजबूर किया कि वे इस प्रकार की स्थितियों के लिए कैसे तैयार रहें। इस तरह की आग लगने पर फूंकने के लिए उपकरण की उपलब्धता और उपयोग की आवश्यकता होती है, जिससे जीवन की सुरक्षा में सहायक हो सके। घटना ने साबित किया कि आग फैलने पर समय रहते में कार को बचाना मुश्किल हो सकता है, इसलिए लोगों को इस तरह की अनपेक्षित स्थितियों के लिए सावधानी बरतनी चाहिए। इसके अलावा इलेक्ट्रिक कारों की सुरक्षा पर भी अधिक जोर देने की आवश्यकता है, ताकि ऐसी घटनाओं का ज्यादा से ज्यादा प्रतिबंधित किया जा सके।