हरियाणा के रेवाड़ी जिले में पुलिस ने कलपुर्जा विनिर्माण कंपनी के कारखाने में Boiler Blast होने के मामले में रविवार को कंपनी और कंपनी के ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
पुलिस ने बताया कि रेवाड़ी जिले के धारूहेड़ा स्थित औद्योगिक क्षेत्र में शनिवार को ऑटो पार्ट्स विनिर्माण कंपनी के बॉयलर में विस्फोट होने के कारण लगभग 40 कर्मचारी झुलस गए। हादसे में गंभीर रूप से घायल 19 मजदूरों को पीजीआईएमएस, रोहतक रेफर किया गया है जबकि 10 घायलों का इलाज रेवाड़ी के ट्रॉमा सेंटर में किया जा रहा है। कुछ अन्य का रेवाड़ी और धारूहेड़ा के निजी अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है।
अधिकारियों ने रविवार को बताया कि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने SDM के नेतृत्व में जांच का आदेश दिया है। सैनी ने रेवाड़ी के SDM को घायलों का उचित उपचार सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। एफआईआर उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के एक मजदूर राज कुमार की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई।
मजदूर ने दिया बयान
शिकायतकर्ता ने कहा कि उसे शिवम नामक ठेकेदार के जरिए कंपनी में काम पर रखा गया था। उसने बताया कि बॉयलर के ‘डस्ट कलेक्टर’ में जब विस्फोट हुआ, उस समय फैक्टरी में करीब 60-70 कर्मचारी मौजूद थे। राज कुमार ने अपने बयान में कहा, ‘‘पहले भी दो बार डस्ट कलेक्टर में विस्फोट हुआ था, हालांकि तब किसी को कोई चोट नहीं आई थी। उस समय की घटनाओं को फैक्टरी के ठेकेदार और अन्य संबंधित अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया था और कहा गया था कि इसकी उचित मरम्मत पर ध्यान दिया जाना चाहिए क्योंकि इससे भविष्य में कोई अप्रिय घटना हो सकती है।’’
उसने कहा, ‘‘लेकिन वे इस मामले को लेकर लापरवाह बने रहे और उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया। अगर बॉयलर इकाई का ठीक से रखरखाव और सफाई की गई होती तो इस हादसे को टाला जा सकता था।’’
पुलिस ने बताया कि शिकायत के आधार पर ठेकेदार और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 287 (मशीनरी के संबंध में लापरवाहीपूर्ण आचरण), 337 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाला कार्य कर चोट पहुंचाना) और 34 (साझा इरादे के लिए कई व्यक्तियों द्वारा किए गए कार्य) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। घायल मजदूर Manoj Kumar ने संवाददाताओं को बताया कि विस्फोट उस समय हुआ जब फैक्टरी के कई मजदूर ड्यूटी पर थे। यहां जिला अस्पताल के एक डॉक्टर ने कहा कि घायलों का प्राथमिक उपचार किया गया। उन्होंने बताया कि बाद में उन मरीजो को रोहतक के पीजीआईएमएस अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया जो 50 प्रतिशत से अधिक झुलस गए थे।