बारिश में कई बीमारियों ने लोगों को अपनी चपेट में ले लिया हैं। प्रदेश में डेंगू, मलेरिया के साथ अब आई फ्लू ने भी दस्तक दे दी है। जिले में नागरिक अस्पताल की आई ओपीडी में आई फ्लू के 70-80 मरीज प्रतिदिन पहुंच रहे हैं। क्षेत्र में मौसम के बदलते ही पीड़ित लोगों की संख्या बढ़ गई है। चिंता की बात यह है कि नागरिक अस्पताल में आई फ्लू की दवाइयां भी गायब हो गई हैं। लोगों को आधी से ज्यादा दवाइयां बाहर से खरीदनी पड़ रही है।
ज्यादातर मरीज ग्रामीण क्षेत्रों के
शहर के नागरिक अस्पताल में आई फ्लू के मरीजों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है। ज्यादातर मरीज ग्रामीण क्षेत्रों के हैं। आई नागरिक अस्पताल में तैनात डॉ. कंचन यादव ने बताया कि आंखों की इस बीमारी से बचने का सिर्फ एक ही तरीका है और वह है सावधानी।
उपचार से आई फ्लू की तीव्रता को तो कम किया जा सकता है। दवा डालने का फायदा यह होता है कि इससे आंखों में दर्द कम हो जाता है और दूसरा इंफेक्शन फैलने की आशंका भी नहीं रहती। उन्होंने बताया कि बच्चों में यह संक्रमण तेजी से फैलता है। उनमें इस बीमारी की स्थिति में श्वास संबंधी समस्या देखने को भी मिल सकती है।
जो लोग लैंस इस्तेमाल करते हैं, उन्हें लक्षण दिखाई देने पर बगैर देरी के लैंस निकाल लेना चाहिए। यदि संभव हो तो उन लैंस का दोबारा प्रयोग न करें। उन्होंने बताया कि वातावरण में नमी अधिक होने पर यह वायरस सक्रिय हो जाता है। इसके अलावा दवाओं के लिए उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है।
आई फ्लू के लक्षण
कुछ सामान्य से लक्षणों से आई फ्लू की पहचान कर सकते हैं। कुछ खास बातों का पालन करके इससे जल्दी ही राहत पाई जा सकती है।
- आंखो का लाल होना
- आंखों से पानी बहना
- आंखों में सूजन
- पलकों का सूजना
- खुजली होना
- आंखों का लाल होना
- धुंधला दिखाई देना
आई फ्लू के उपचार
इसके अलावा भी इसके बहुत से लक्षण हो सकते हैं लेकिन इसके लिए डॉक्टरी सलाह जरूर लेनी चाहिए। अगर आपके घर और आसपास किसी को भी इस तरह की परेशानी है तो कुछ बातों को ध्यान में रखकर इसे फैलने से रोका जा सकता है।
- हाथों को अच्छी तरह धोएं
- तौलिया शेयर न करें
- तकिए का कवर रोजाना बदलें
- आंखों पर चश्मा लगाकर रखें
- बोरिक पाऊडर के पानी से आंखें साफ करें
- धूप में जाने से बचें
- डॉक्टर के बताएं निर्देशों का पालन करें