न्याय संहिता विधेयक और ‘स्टेज कैरिज परमिट स्कीम’ को रद्द करने समेत 30 सूत्रीय मांगो को लेकर हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों ने आज बसों का चक्का जाम कर दिया है। इसमें महेंद्रगढ़ को छोड़कर बाकी जगह सुबह बसें नहीं चली। हिसार, रेवाड़ी, चरखी दादरी, जींद समेत अन्य जगह कर्मचारी सुबह से बस अड्डे पर प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकारी बसों का संचालन ठप होने से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, निजी बस संचालकों ने ऐलान किया है कि वह अपनी बसें चलाएंगे।
इससे स्थानीय मार्गों पर कम समस्या होगी, लेकिन दिल्ली, गुरुग्राम, चंडीगढ़, हिसार, पंचकूला समेत दूर स्थित अन्य स्थानों से जुड़े मार्गों पर दिक्कत बढ़ सकती है। कर्मचारी साझा मोर्चा के आह्वान पर न्याय संहिता विधेयक रद्द करने और ‘स्टेज कैरिज परमिट स्कीम’ को रद्द करने समेत 30 सूत्रीय मांग पत्र को लेकर 24 दिसंबर को रोडवेज कर्मचारियों ने करनाल में मुख्यमंत्री के शिविर का घेराव किया था। उस समय 10 जनवरी से पहले मोर्चा के साथ बैठक करवाने का आश्वासन मंत्री द्वारा दिया गया था, लेकिन बैठक अभी तक नहीं हो पाई है। इससे नाराज कर्मचारियों ने 24 जनवरी को चक्का जाम का ऐलान किया था।
जींद से नही गई कोई बस
जींद में 170 बसों का चक्का जाम है। यहां से सुबह 4 बजे से 7 बजे तक दिल्ली, गुरुग्राम, चंडीगढ़, पंचकूला, पांवटा साहिब, हिसार, पानीपत के लिए 15 से ज्यादा बसें निकलती हैं, लेकिन आज एक भी बस नहीं गई। कर्मचारियों ने सुबह धरना दिया।
क्यों हड़ताल पर अड़े हैं रोडवेज कर्मचारी
सांझे मोर्चे प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि उनकी परिवहन मंत्री व उच्च अधिकारियों के साथ 11 जनवरी, 10 मार्च, 23 जून व 13 दिसंबर को चार दौर की बातचीत हो चुकी हैं। इसमें जो मांगे मानी गई थी उन्हें आजतक पूरा नहीं किया गया। न ही उन्हें लागू किया गया। इसी कारण हड़ताल ही उनके पास विकल्प बचा है। कर्मचारी संगठनों ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि 24 की सांकेतिक हड़ताल के बाद यदि बात नहीं बनी तो कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर भी जा सकते हैं।