सुनारिया जेल में चरखी दादरी जिले के जोगेंद्र नाम के आरोपी की मौत में नया मोड़ सामने आया है। हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत पर सू-मोटो एक्शन लिया है। मानवाधिकार आयोग ने सुनारियां जेल अधीक्षक से कैदी की अचानक हुई मौत के बारे में जवाब-तलबी की है। आयोग ने 16 अक्टूबर से पहले रिपोर्ट सबमिट करने के निर्देश दिए हैं।
इलाज के दौरान हुई थी मौत
न्यायिक हिरासत में सुनारियां जेल में तबियत खराब होने के बाद मौत हुई थी। मौत होने पर गुस्साए चरखी दादरी जिले के गांव कनहेटी के ग्रामीणों ने एसपी से मिलकर कार्यवाही करने की मांग की थी। पुलिस का कहना है की तबीयत खराब होने के चलते आरोपी को रोहतक पीजीआई में भर्ती कराया गया था। जहां सांस की बीमारी के कारण उसकी मौत हो गई।
परिजनों का आरोप प्रताड़ना के चलते हुई मौत
परिजन पुलिस की बात को मानने के लिए तैयार नहीं थे। परिजनों का कहना था कि जोगिंदर की मौत का कारण एक वकील और घिलौड़ पुलिस चौकी के एक जांच अधिकारी द्वारा प्रताडित करना हैं। ग्रामिणों ने मामले में एसपी के सामने शिकायत देकर मामले की जांच करने की मांग रखी थी। दूसरी तरफ पुलिस का यह कहना है कि पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद मौत के वास्तविक कारणों का खुलासा होगा और रिपोर्ट में आए तथ्यों के आधार पर अगली कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
क्या है सारा मामला
मृतक जोगिंदर के भाई भगवान ने बताया कि उसका भाई पशु खरीदने बेचने का काम करता था और रोहतक का एक वकील भी यह काम करता है। इस दौरान उनके भाई और वकील का पैसों के लेनदेन को लेकर विवाद हो गया। जिसके बाद वकील ने रोहतक की घिलौड़ चौकी में एफ आई आर दर्ज कर उसके भाई को गिरफ्तार करवा दिया और उसे बार-बार देख लेने की धमकी भी देता रहा है।
उसने बताया कि कल पुलिस का फोन आया था कि जोगिंदर की हालत गंभीर है और जब वे पीजीआई में आए तो पता चला कि जोगिंदर की मौत हो चुकी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके भाई को कभी भी सांस की बीमारी नहीं रही और जब कोर्ट में पेशी के दौरान मैं उनसे मिला था। उसके भाई ने उन्हें कहा था कि जल्द ही उसे जेल से बाहर निकाल ले नहीं तो यह मेरे साथ कुछ भी कर सकते हैं। इसलिए उनकी भाई की मौत के पीछे वकील और घिलौड़ पुलिस चौकी के जांच अधिकारी का हाथ है जिसकी जांच होनी चाहिए।