2019 से लंबित पड़ी मांगो को लेकर प्रदेश भर की आशा वर्कर की हड़ताल का आज 11वां दिन है। जिसके बाद आज आशा वर्कर की प्रदेश कार्यकारणी ने रोहतक में मीटिंग कर बड़ा फैसला लिया है। इस मीटिंग में आशा वर्कर ने 25 अगस्त को होने वाली विधानसभा पर प्रदर्शन कर घेराव करने का निर्णय लिया है, अगर फिर भी सरकार नही चेतती तो 2024 में होने वाले चुनावों में सरकार को इसका खामयाजा भुगतना पड़ेगा।
आशा वर्कर यूनियन की राज्य सचिव सुनीता ने बताया कि 2019 मैं सरकार के साथ उनकी मांगो को लेकर बातचीत हुई थी और सरकार से कुछ बातों पर सहमति बनी थी, लेकिन कुछ बातों को सरकार ने टालमटोल कर दिया था। जिसके बाद आशा वर्करों ने लगातार अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया।
अब एक बार फिर प्रदेश भर की आशा वर्कर 11 दिन से हड़ताल पर हैं। वह सरकार से लंबित पड़ी मांगो को पूरा करने की मांग कर रही है, इसीलिए आज आशा वर्कर यूनियन की प्रदेश कार्यकारिणी ने मीटिंग कर बड़ा फैसला लिया है।
चुनाव में भुगतना पड़ेगा खामियाजा
प्रदेश सचिव सुनीता ने बताया कि 25 अगस्त से होने वाले विधानसभा को लेकर वह 28 अगस्त को चंडीगढ़ में विधानसभा पर प्रदर्शन कर विधानसभा का घेराव करेंगी। अगर फिर भी सरकार उनकी लंबित पड़ी मांगो को पूरा नहीं करती तो 2024 में होने वाले चुनाव में इसका खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा ।