PGI Rohtak में ठेके पर काम करने वाले चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर हड़ताल शुरू कर दी है। कर्मचारियों का कहना है कि हरियाणा सरकार ने अनुबंधित कर्मचारियों को एच के आर एन स्कीम के तहत शामिल करने का वादा किया था, लेकिन ठेकेदार और पीजीआई प्रशासन द्वारा इस प्रक्रिया में अड़चन डाली जा रही है।
कर्मचारियों की मांग
हड़ताल कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने कई सालों से ठेकेदार के अधीन काम किया है और उनकी एकमात्र मांग यह है कि उन्हें एच के आर एन में शामिल किया जाए, ताकि उन्हें जॉब गारंटी मिल सके। उनका आरोप है कि सरकार तो इस योजना में शामिल करना चाहती है, लेकिन ठेकेदार और पीजीआई प्रशासन इसे रोक रहे हैं। हड़ताल में बैठे कर्मचारियों ने पीजीआई प्रशासन और ठेकेदार पर उत्पीड़न का भी आरोप लगाया और कहा कि जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाएगी, हड़ताल जारी रहेगी।
ठेकेदार का बचाव
ठेकेदार संदीप कौशिक ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि हड़ताल पर वही कर्मचारी बैठे हैं जिन्हें काम में लापरवाही के चलते पीजीआई से बाहर कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि उनके अधीन काम कर रहे बाकी कर्मचारी अपनी ड्यूटी पर हैं और स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से सुचारू रूप से चल रही हैं। ठेकेदार ने आरोप लगाया कि हड़ताल पर बैठे कर्मचारी ऑपरेशन के दौरान काम छोड़कर भाग जाते थे और मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में भेजने की कोशिश करते थे, जिसके कारण पीजीआई ने उनके खिलाफ कार्रवाई की थी।
स्वास्थ्य सेवाओं पर असर नहीं
ठेकेदार का यह भी कहना था कि हड़ताल के बावजूद स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित नहीं हुई हैं और ज्यादातर कर्मचारी अपनी ड्यूटी पर हैं। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की यह हड़ताल अनावश्यक है और यह केवल कुछ कर्मचारियों के व्यक्तिगत आरोपों की वजह से हो रही है।
पीजीआई में ठेके पर काम करने वाले कर्मचारियों और ठेकेदार के बीच यह विवाद जारी है। कर्मचारियों का कहना है कि वे अपनी जायज मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं, जबकि ठेकेदार और पीजीआई प्रशासन का कहना है कि स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित नहीं हो रही हैं और हड़ताल में शामिल कर्मचारियों को उनके कार्यों में लापरवाही के कारण निकाला गया है।