Rohtak जिले में विकास कार्यों को लेकर विवाद(Dispute over development work) बढ़ता जा रहा है। जिला परिषद की हाउस मीटिंग न होने के कारण जिला पार्षद(councillors) और चेयरपर्सन मंजू हुड्डा(Zila Parishad Chairperson) के बीच तनातनी हो गई है। बुधवार को मंजू हुड्डा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस(Manju Hooda held a press conference) कर बताया कि वह हाउस की मीटिंग बुलाना चाहती हैं। इसके लिए सभी जिला पार्षदों से विकास कार्यों की सूची मांगी गई है, लेकिन सूची न मिलने के कारण मीटिंग नहीं हो पा रही है।
बता दें कि मंगलवार को जिला पार्षदों ने विकास भवन में धरना दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि विकास के लिए 19 करोड़ रुपये आए थे, लेकिन एक रुपये का भी काम नहीं हुआ। पार्षदों का कहना है कि विकास कार्यों को लेकर चेयरपर्सन गंभीर नहीं हैं और इसी वजह से विकास कार्य ठप पड़े हैं। इस पर चेयरपर्सन मंजू हुड्डा ने स्पष्ट किया कि उनका भी उद्देश्य विकास कार्य करना है। उन्होंने बताया कि मनरेगा के तहत 188 कार्यों की सूची सरकार को भेजी गई है। इसके अलावा जन संवाद पोर्टल पर आए 117 कार्यों की तैयारी भी हो चुकी है। सांसद और विधायक के 12.45 करोड़ के कार्य भी तैयार हैं।
मंजू हुड्डा ने कहा कि जिला परिषद को उनके क्षेत्र में कराए जाने वाले विकास कार्यों के लिए तीन बार पत्र लिखा जा चुका है। 28 जून को भी पत्र लिखा गया था, लेकिन पार्षदों ने कोई सूची नहीं भेजी। उन्होंने यह भी बताया कि 12 फरवरी को हाउस की मीटिंग हुई थी, जिसमें पास हुए कामों पर भी पार्षदों ने हस्ताक्षर नहीं किए, जिससे वे काम भी अटक गए।
वित्तीय वर्ष 2023-24 के 4 करोड़ रुपये बकाया
उन्होंने जानकारी दी कि अब तक 16 करोड़ रुपये के काम हो चुके हैं और फिलहाल वित्तीय वर्ष 2023-24 के करीब 4 करोड़ रुपये जिला परिषद के पास बकाया हैं। वहीं, वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए कामों की सूची तैयार कर फंड की मांग भेजनी है।