Haryana के रोहतक स्थित पीजीआईएमएस के न्यूरो सर्जरी विभाग ने एक जटिल और जोखिम भरे ऑपरेशन में 14 वर्षीय लड़के के मस्तिष्क से रॉड निकालने में सफलता हासिल की। इस ऑपरेशन को न्यूरो सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. ईश्वर सिंह और प्रोफेसर डॉ. गोपाल कृष्ण के नेतृत्व में अंजाम दिया गया। इस अद्वितीय उपलब्धि के लिए संस्थान के कुलपति डॉ. अनिता सक्सेना और अन्य अधिकारियों ने डॉक्टरों की टीम को बधाई दी।
मेवात निवासी 14 वर्षीय लड़का एक गंभीर दुर्घटना में घायल हो गया था, जिसमें एक धातु की रॉड उसके सिर के बाईं ओर से मस्तिष्क तक घुस गई थी। उसे बेहोशी की हालत में पीजीआईएमएस रोहतक लाया गया। डॉक्टरों के अनुसार चोट के कारण खोपड़ी में फ्रैक्चर और मस्तिष्क में रक्तस्राव हुआ था।
डॉक्टरों को तुरंत ऑपरेशन करने का निर्णय लेना पड़ा। न्यूरो सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. ईश्वर सिंह ने बताया कि मस्तिष्क से रॉड निकालने का कार्य अत्यधिक जोखिम भरा था, क्योंकि कोई भी गलती स्थायी क्षति या मृत्यु का कारण बन सकती थी। सर्जरी के दौरान डॉक्टरों ने उन्नत इमेजिंग तकनीक और माइक्रोसर्जिकल उपकरणों का उपयोग किया। ऑपरेशन कई घंटों तक चला, जिसमें खोपड़ी और मस्तिष्क को और अधिक क्षति से बचाने के लिए अत्यंत सावधानी बरती गई।
सर्जरी के कुछ घंटों बाद मरीज होश में आने लगा। कुछ दिनों के भीतर उसने अपने परिवार और डॉक्टरों को पहचानना शुरू कर दिया और अब वह फिर से चलने-फिरने में सक्षम है। इस सफल ऑपरेशन ने पीजीआईएमएस रोहतक को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा है। डॉक्टरों की टीम ने अपनी दक्षता और समर्पण से मरीज की जान बचाकर एक मिसाल पेश की है।