हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आज अपने विधानसभा क्षेत्र गढ़ी सापला किलोई के लगभग दर्जनभर गांव में जलभराव स्थिति का जायजा लिया है। भूपेंद्र हुड्डा ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कहीं पर भी बाढ़ से राहत के कार्य नही दिख रहे हैं।
यमुना में अवैध खनन के कारण पूरे प्रदेश को इसका भुगतान करना पड़ रहा है। अवैध खनन के खिलाफ सरकार द्वारा कोई भी कदम नहीं उठाए गए। उन्होंने कहा कि लाखों एकड़ की फसल बर्बाद हो गई है जिसका मुआवजा सरकार किसानों को दें।
किसानों को लेकर बोले पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि प्रदेश में किसानों की लाखों एकड़ फसल डूब चुकी है। जिसके चलते खरीफ की फसल लगभग चौपट हो चुकी है और यही हालात रहे तो रवि की फसल भी किसान को मिलना मुश्किल है। उन्होंने सरकार से मांग की कि सरकार तुरंत प्रभाव से किसानों को ₹40 हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दें। साथ में मजदूरों को भी मनरेगा योजना के तहत 30 दिन का अतिरिक्त काम दिया जाए।
उन्होंने कहा किसानों के खेतों में 7 से 8 फुट तक पानी भर चुका है जिसके चलते पशुओं के लिए चारे की भी किल्लत हो गई है। सरकार पशुओं के लिए भी चारे का इंतजाम करें। इसके अतिरिक्त किसानों के खेतों में बने ट्यूबवेल के कोठे और बाढ़ के कारण जिन लोगों के घर बर्बाद हुए हैं उनकी भी मरम्मत कराई जाए।
भाजपा सरकार पर साधा निशाना
भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि उन्होंने लगभग सारे हरियाणा में बाढ़ ग्रस्त इलाकों की स्थिति का जायजा लिया है सरकार का किसी भी स्थान पर बाढ़ राहत कार्य दिखाई नहीं दे रहा है । इसके अतिरिक्त यमुना और घग्घर नदी में आए पानी से काफी जिलों में नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया की एनजीटी के अनुसार यमुना में अवैध खनन की वजह से नदी स्थान बदलती जा रही है जिससे काफी संख्या में किसानों के खेत यमुना में समा गए हैं।
उन्होंने कहा कि अब यमुना में लगभग 3:30 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है जबकि उनके समय में लगभग 8 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। फिर भी लोगों को नुकसान नहीं हुआ था क्योंकि उनकी सरकार ने समय रहते बाढ़ से बचाव के पुख्ता प्रबंध किए थे। लेकिन वर्तमान सरकार द्वारा समय रहते नदी नालों की सफाई नहीं करवाई गई जिसके चलते हर शहर और हर गांव में जलभराव की स्थिति से लोगों को परेशानी हो रही है।