Rohtak पुलिस की साइबर थाना टीम ने शेयर मार्केट में निवेश के नाम पर 15 लाख रुपए से अधिक की ठगी करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। आरोपियों को अदालत में पेश किया गया और पुलिस रिमांड पर लिया गया, जिसके बाद रिमांड की अवधि समाप्त होने पर उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
प्रभारी थाना साइबर निरीक्षक कुलदीप सिंह ने बताया कि चिंयोट कॉलोनी निवासी गंधर्व ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके आधार पर अभियोग दर्ज कर जांच शुरू की गई। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि गंधर्व शेयर मार्केट से संबंधित एक वॉट्सऐप ग्रुप से जुड़ा था, जहां सदस्य शेयर मार्केट में निवेश से अधिक मुनाफे के बारे में संदेश भेजते थे।
आईपीओ के नाम पर ठगी
3 अगस्त को गंधर्व को एक मैसेज प्राप्त हुआ, जिसमें शेयर मार्केट में आईपीओ खरीदने के बारे में जानकारी दी गई थी। इसके बाद, गंधर्व के वॉट्सऐप पर एक लिंक आया, जिसके जरिए एक एप डाउनलोड हो गई। इस एप में शेयर मार्केट में आईपीओ खरीदने के लिए गंधर्व को विभिन्न बैंक खातों की डिटेल भेजी गई। एप में गंधर्व को शेयर खरीदने के लाभ और पैसे दिखाई दिए गए थे। इसके बाद, गंधर्व को विश्वास में लेकर उनके द्वारा बताए गए खातों में रुपयों का ट्रांसफर किया गया, और कुछ राशि भी वापस की गई।
अलग-अलग खातों में रकम ट्रांसफर
गंधर्व ने निर्दिष्ट खातों में अलग-अलग ट्रांजैक्शंस के जरिए कुल 16,13,677 रुपए ट्रांसफर कर दिए, जिसमें से गंधर्व को केवल 95 हजार रुपए वापस मिल पाए। इस प्रकार, गंधर्व से कुल 15,18,677 रुपए की ठगी की गई। मामले की जांच उपनिरीक्षक दिनेश द्वारा की गई।
अंकित और समीर की गिरफ्तारी
जांच के दौरान 13 दिसंबर को आरोपी अंकित उर्फ मोनू, निवासी नांगल महेन्द्रगढ़, जो राजस्थान में रह रहा था, और 20 दिसंबर को समीर, निवासी अस्तानपुर, श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर को गिरफ्तार किया गया। अंकित को 8 दिन और समीर को कोर्ट के आदेश पर 5 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया, जहां गहन पूछताछ की गई।
पूछताछ से 11 वारदातों का खुलासा
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने 11 अन्य ठगी की वारदातों का खुलासा किया, जिनमें आरोपियों ने पूरे भारत में 1 करोड़ 27 लाख रुपए की ठगी की थी। रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद आरोपियों को कोर्ट के आदेश पर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।