अचानक मौसम में हुए बदलाव ओर बूंदाबांदी से आमजन को गर्मी से राहत मिली है। वहीं किसानों के चेहरे भी खुशी दिखाई दी है। किसानों का कहना है कि भगवान की लिली अनोखो है किसी इलाके में बाढ़ आई हुई है, तो कही बारिश न आने से फसल सुखती जा रही है और पीली पड़ने लगी है।
आज सुबह हुई बारिश से किसान खुश तो है, लेकिन अधिक बारिश आने का इंजतार कर रहे हैं, ताकि वह अपनी धान की फसल को बचा सके।
कई दिनों से पड़ रही गर्मी से आम जन को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था, लेकिन आज सुबह अचानक हुई बूंदा बांदी से आमजन को गर्मी से राहत तो मिली है। वही इस बूंदाबांदी से किसानों के चेहरे पर भी खुशी दिखाई दी है।

धान की फसल में खर्च किया हजारों
मोखरा गांव के किसान अजमेर और आशीष ने बताया कि अबकी बार मौसम विभाग ने ज्यादा बारिश होने का अनुदेशक जताया था, इसीलिए किसानों ने धान की फसल की ज्यादा रोपाई की, लेकिन बारिश कम होने के कारण अब धान की फसल सूखती दिखाई दे रही है और उसे चिंता है कि जो हजारों रुपए धान की फसल में खर्च किया है।
टयूबवेल चलाने से आमदनी होती है कम
अगर बारिश न हुई तो वह पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगी। युवा किसान आशीष का कहना है कि आज हुई बूंदाबांदी से उसे कुछ राहत मिली है, लेकिन वह भगवान से प्राथना करते हैं कि और भी ज्यादा बारिश आए, जिससे उसकी धान की फसल बच सके। उन्होंने बताया कि धान की फसल के खेत में पानी न आने से दरार पड़ गई है और फसल सूख कर पीली पड़ने लगी है।
अगर बारिश नहीं हुई तो उन्हें ट्यूबवेल चलाकर अपनी धान की फसल बचानी पड़ेगी, लेकिन डीजल ज्यादा महंगा होने के कारण अगर उनकी फसल बच भी गई तो फसल में बचत कम होगी और आमदनी कम होने के कारण वह अपने परिवार का गुजारा नहीं चल पाएगा। अब तो वह भगवान से प्रार्थना करते हैं कि थोड़ी सी ओर बारिश करें, जिससे उसकी धान की फसल बचा सके।