Rohtak : महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) एक बार फिर चर्चा में है। इस बार मामला विवि के होटल प्रबंधन विभाग की ओर से विद्यार्थियों पर जुर्माना लगाने का है। वह भी एक रुपये फीस नहीं भरने पर 10740 रुपये। यही नहीं फीस जमा नहीं होने पर करीब 15 विद्यार्थियों के रोल नंबर भी रोक लिए गए। इसे लेकर छात्र एकता मंच ने मंगलवार को महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कुलसचिव कार्यालय के बाहर धरना दिया। यहां अधिकारियों ने उन्हें समाधान के लिए कमेटी बैठाने का आश्वासन दिया। इसके बाद विद्यार्थी वापस लौट आए। इधर विभाग के निदेशक से रात संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन बात नहीं हो पाई।
मंगलवार को होटल प्रबंधन विभाग के प्रथम सेमेस्टर के विद्यार्थी इकट्ठा होकर कुलसचिव कार्यालय पहुंचे। यहां सभी ने 10 हजार 740 रुपये जुर्माना लगाने को लेकर रोष प्रकट किया। नारेबाजी करते हुए विद्यार्थियों ने जुर्माना राशि लौटाने की मांग उठाई। छात्र एकता मंच के अध्यक्ष अभिषेक ने कहा कि विवि प्रशासन ने अकारण ही जुर्माने के रूप में इतनी बड़ी राशि लगा दी है। यह विद्यार्थियों से सीधी लूट है।
यह गलत है। इसका विरोध किया जाएगा। साथ ही चेताया कि समस्या का समाधान नहीं किया गया तो परीक्षा का बहिष्कार किया जाएगा। कुलसचिव को इस संबंध में ज्ञापन सौंप कर विद्यार्थियों ने समस्या के समाधान की अपील की है। प्रदर्शन के चलते विद्यार्थियों के पास छात्र कल्याण निदेशक व अन्य अधिकारी मिलने पहुंचे। यहां इन्होंने विद्यार्थियों को समझाते हुए इस मामले में कमेटी गठित करने का आश्वासन देकर शांत किया। इसके बाद सभी वापस लौट गए।
यह है पूरा मामला
दरअसल, होटल प्रबंधन विभाग में परीक्षा संबंधी फीस जमा होती है। यह फीस सामान्य श्रेणी के विद्यार्थियों के लिए 1500 रुपये है जबकि एससी विद्यार्थियों के लिए एक रुपया। विद्यार्थियों ने यह फीस ऑन लाइन जमा कराई। उस समय उन्हें प्रक्रिया पूरी होने का संदेश मिला। बाद में संभवत: तकनीकी कारणों से फीस एमडीयू के खाते में जमा नहीं हो पाई। इस जानकारी से विद्यार्थी अनजान रहे।
परीक्षा से पहले वह रोल नंबर लेने विभाग पहुंचे तो उन्हें फीस जमा नहीं होने की बात कह कर बैरंग लौटा दिया गया। विद्यार्थियों का आरोप है कि इस संबंध में विभाग की ओर से न तो कोई सूचना जारी की न ही विद्यार्थियों को अवगत कराया गया इसलिए फीस जमा नहीं हो पाई। जब अधिकारियों से मिले तो उन्होंने जुर्माने की बात कही। इतनी बड़ी राशि जुर्माने में देना सभी विद्यार्थियों के लिए असंभव है इसीलिए विरोध प्रदर्शन करना पड़ा।