Rohtak में राज्यसभा सांसद किरण चौधरी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बयान “लोक हार गया और तंत्र जीत गया” पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। चौधरी ने कहा कि यह एक रिपब्लिक है, और जनता ने अपने मत से फैसला दिया है। उन्हें यह मत स्वीकार करना चाहिए था, लेकिन अब हार का ठीकरा दूसरों पर फोड़ा जा रहा है।
हुड्डा पर हमला: “मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे थे”
किरण चौधरी ने कहा, “जो लोग सुबह-शाम मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे थे, उनके लिए यह परिणाम निराशाजनक है। वे तो मुख्यमंत्री के घर तक की उम्मीदें पाले हुए थे और रथ तक मंगवा लिए थे। अब उन्हें हार का दोष दूसरों पर डालने का हक नहीं है।” उन्होंने आरोप लगाया कि हुड्डा ने सिर्फ अपने परिवार और चमचों के बारे में सोचा, जबकि उन्हें कांग्रेस की नीतियों पर ध्यान देना चाहिए था। इसके कारण ही जनता ने उन्हें नकारा और भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला।
नेता प्रतिपक्ष के मुद्दे पर किरण चौधरी की राय
किरण चौधरी ने कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष के चयन में हो रही देरी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “हुड्डा को अब चुपचाप बैठकर दूसरों को मौका देना चाहिए था। लेकिन उनका ‘मैं और मेरा’ रवैया पार्टी के लिए हानिकारक है।” साथ ही, उन्होंने कहा कि रघुबीर कादयान को नेता प्रतिपक्ष बनाना चाहिए था क्योंकि वह सीनियर और सक्षम नेता हैं, लेकिन हुड्डा ने उन्हें यह अवसर नहीं दिया।
संविधान दिवस पर किरण चौधरी का भाषण
रोहतक स्थित महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (MDU) में संविधान दिवस मनाया गया। इस अवसर पर राज्यसभा सांसद किरण चौधरी और रामचंद्र जांगड़ा ने प्रेरक भाषण दिए। चौधरी ने भारतीय संविधान की प्रमुख विशेषताओं, राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांतों और मौलिक कर्तव्यों पर जोर दिया। उन्होंने युवा पीढ़ी को संविधान से प्रेरणा लेने की बात कही। वहीं, रामचंद्र जांगड़ा ने भारतीय संविधान के निर्माण की ऐतिहासिक प्रक्रिया पर प्रकाश डाला।
प्रतियोगिताओं के परिणाम
संविधान दिवस पर आयोजित पोस्टर मेकिंग और स्लोगन राइटिंग प्रतियोगिताओं में भी पुरस्कार वितरित किए गए। पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में सांपला कॉलेज की अंजलि ने पहला स्थान प्राप्त किया, जबकि स्लोगन राइटिंग में एमडीयू की प्रियंका ने पहले स्थान पर कब्जा किया।
किरण चौधरी ने कांग्रेस पार्टी और हुड्डा पर तीखा हमला करते हुए उनके नेतृत्व पर सवाल उठाए। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस में नेतृत्व का चयन अब पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है।