Rohtak's Subedar Major Ompal Mudgil martyred in Lucknow, Army gave final farewell with military honours

Rohtak के सूबेदार मेजर ओमपाल मुदगिल लखनऊ में शहीद, सेना ने सैन्य सम्मान के साथ दी अंतिम विदाई

रोहतक

Rohtak की हनुमान कॉलोनी निवासी सूबेदार मेजर ओमपाल मुदगिल का लखनऊ में इलाज के दौरान निधन हो गया। वे पिछले कुछ समय से गंभीर बीमारी से ग्रस्त थे और शनिवार को अंतिम सांस ली। रविवार सुबह जब उनका पार्थिव शरीर रोहतक पहुंचा, तो पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।

4 दिन तक नहीं खाया-पिया, नहीं बोले एक शब्द

शहीद के रिश्तेदार महेश ने बताया कि ओमपाल मुदगिल की तबीयत काफी दिनों से खराब चल रही थी। 3 ऑपरेशन हो चुके थे, लेकिन तबीयत में सुधार नहीं आया। आखिरी के 4 दिन उन्होंने न कुछ खाया, न कुछ बोला। शनिवार को लखनऊ के सैनिक अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली।

“कुछ ही दिनों में रिटायर होने वाले थे”

घटनास्थल पर पहुंचे सैन्य अधिकारी राजकुमार ने बताया कि ओमपाल एक ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ अफसर थे। उन्होंने सेना में तेजी से तरक्की पाई और अब रिटायरमेंट नजदीक था। अफसोस, उससे पहले ही बीमारी ने उन्हें हमसे छीन लिया।

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1996 में जॉइन की थी सेना

सूबेदार मेजर ओमपाल शर्मा ने 4 मई 1996 को भारतीय सेना में सेवा की शुरुआत की थी। उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों में पोस्टिंग के दौरान सेवा दी। पिछले करीब 3 वर्षों से लखनऊ में पोस्टेड थे। उनका पैतृक गांव खिड़वाली है, जबकि उनका परिवार रोहतक की हनुमान कॉलोनी में रह रहा है।

परिवार में पत्नी और गूगल में कार्यरत दो संतानें

शहीद के परिवार में उनकी पत्नी और दो संतानें हैं – बेटा अंकित और बेटी अंजलि। दोनों की शादी हो चुकी है और वे गूगल में इंजीनियर के रूप में कार्यरत हैं। उनकी पत्नी गृहिणी हैं। शहीद की खबर मिलते ही परिवार में शोक की लहर दौड़ गई।

अंतिम विदाई में उमड़ा जनसैलाब, दी गई सैन्य सलामी

शहीद को हिसार यूनिट की सेना ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। पार्थिव शरीर को लखनऊ से लाया गया, जहां रोहतक में सेना के जवानों और अफसरों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम क्रिया के दौरान बेटे अंकित मुदगिल ने मुखाग्नि दी। लोगों ने “ओमपाल अमर रहे” के नारों के साथ विदाई दी।

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