Villagers of village Nidana reached Rohtak Mini Secretariat

Former CM Manohar Lal के गांव में ग्रामीणों ने किला बंदी में लगाए भ्रष्टाचार के आरोप, प्रशासन के सामने किया खुलासा

रोहतक

हरियाणा के जिला रोहतक की महम तहसील के अंतर्गत आने वाले पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के गांव निदाना में करीब ढाई वर्ष पहले हुई चकबंदी का विवाद आज भी उलझा हुआ है। निदाना गांव के ग्रामीण इस विवाद को सुलझाने की गुहार लेकर लघु सचिवालय में प्रशासनिक अधिकारियों से मिलने पहुंचे। इस दौरान ग्रामीणों ने गांव के कुछ लोगों की प्रशासन के साथ मिलीभगत कर चकबंदी में किए गए भ्रष्टाचार का खुलासा किया।

इस मुद्दे को लेकर गांव निदाना के ग्रामीण वीरवार को रोहतक स्थित लघु सचिवालय में प्रशासनिक अधिकारियों से गुहार लगाने पहुंचे। इसके बाद ग्रामीणों ने इस विवाद को लेकर पत्रकारों को भी जानकारी दी। इस दौरान ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष आरोप लगाते हुए बताया कि गांव निदाना में तहसीलदार, पटवारी और अन्य अधिकारी व कर्मचारियों ने गांव के कुछ लोगों से पैसा लेकर चकबंदी में भारी गड़बड़ की है। जिन किसानों की पहले वाली जमीन काफी उपजाऊ थी, अब उन किसानों को बंजर भूमि दी गई है।

निदाना

ग्रामीणों का आरोप है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 58 में जिन किसानों की जमीन गई थी, उन किसानों को न तो मुआवजा मिला और न ही उन्हें जमीन मिली है। अब ढाई साल बाद उन किसानों को बंजर जमीन दी जा रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि बंजर जमीन मिलने के बाद वह किसान अपने परिवार का गुजर बसर कैसे करेंगे, क्योंकि मिलने वाली जमीन बंजर है। उसमें पैदावार न के बराबर है। ग्रामीणों ने बताया कि करीब ढाई साल पहले ग्रामीणों की मांग पर तहसील विभाग द्वारा गांव की चकबंदी की गई थी।

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निदाना 2

बता दें कि चकबंदी खेतों की जमीन और खेतों की जमीन से संबंधित जमीन की की जाती है। जिसमें एक किसान की अलग-अलग जगह जमीन को उसी गांव के रकबे में किसान का खेत इकट्ठा कर दिया जाता है। किसानों का कहना है कि गांव निदाना के ग्रामीण इस विवाद को लेकर लगभग सवा दो साल से आंदोलन कर रहे हैं। आज तक किसानों की समस्या का समाधान नहीं किया गया है। जिससे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

निदाना 1

अब किसानों ने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि जिन लोगों की पहले उपजाऊ जमीन थी, उनको इस तरह की उपजाऊ जमीन दी जाए और अब हुई  खेतों की जमीन की चकबंदी को रद्द किया जाए। किसानों का कहना है कि दोबारा से चकबंदी कर इस विवाद को जल्द से जल्द सुलझाया जाए, ताकि उनकी समस्या का जल्द समाधान हो सके। इस दौरान किसानों ने चेताया कि अगर उनकी समस्या का जल्द समाधान नहीं किया गया तो वह बड़ा उठाने को मजबूर होंगे।

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