हरियाणा के पंचकूला जिले के सेक्टर 5 में बुधवार को ग्रामीण सफाई कर्मियों ने 24 घंटे का महापड़ाव आरंभ किया है। इस महापड़ाव में विभिन्न जिलों के सफाई कर्मचारी शामिल हैं, जो ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन हरियाणा (सीटू) के आह्वान पर पिछले 50 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। महापड़ाव की अध्यक्षता देवी राम ने करते हुए संबोधित किया। देवी राम ने सरकार से जल्दी उनकी मांगों का समाधान करने की अपील की और अन्यथा वे खामियाजा भुगतने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने बताया कि ग्रामीण सफाई कर्मचारी पिछले 17 सालों से मानदेय पर काम करते हुए शोषण और बेगार का सामना कर रहे हैं। बताया कि जब ये कर्मचारी अपने हकों के लिए संघर्ष कर रहे हैं, तो सरकार उन्हें दुश्मनों की भावना के साथ व्यवहार कर रही है और उनकी आवाज को दबा रही है। उन्होंने बताया कि सफाई का काम करने वाले कर्मचारी भूमि और समाज से बाहर रहने वाले 100 प्रतिशत दलित समुदाय से संबंधित हैं। इन कर्मचारियों ने 2014 और 2019 में भाजपा को वोट दिया, लेकिन उनकी मांगों को पूरा करने का वादा नहीं किया गया है और न समान वेतन की गारंटी दी गई है।
कोरोना कॉल में जीवन की परवाह किए बिना किया अंतिम संस्कार
यूनियन नेताओं ने बताया कि कोरोना काल में भी जब लोग अपने घर से बाहर नहीं निकलने को तैयार थे, तब भी सफाई कर्मचारी ने अपनी जीवन की परवाह किए बिना समाज की सेवा की और कोरोना से मौत होने वालों का अंतिम संस्कार तक किया। इसके बावजूद सरकार ने उनके साथ वार्ता करने के लिए समय नहीं निकाला है, जिससे उन्हें अपमानित महसूस हो रहा है।
सरकार की एक तरफा घोषणा से बिलकुल खुश नहीं
कर्मचारी नेताओं ने कहा कि सरकार की हठधर्मिता इतनी गहरी है कि तकनीकी प्रगति के समय भी पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली और मुख्यमंत्री ने ग्रामीण सफाई कर्मचारी के साथ बातचीत करने के लिए समय नहीं निकाला है। सरकार की एक तरफा घोषणा से ग्रामीण सफाई कर्मचारी बिलकुल खुश नहीं हैं।