(समालखा से अशोक शर्मा की रिपोर्ट) पानीपत के खंड समालखा के समालखा बचाओ संघर्ष मोर्चा ने नगर परिषद बनाने की सीएम घोषणा को फेल करने में उपायुक्त और नगर पालिका अधिकारियों पर घोर लापरवाही का आरोप लगाया है। 3 सप्ताह का समय बीत चुका है, लेकिन आज तक अधिकारी सरकार को पालिका प्रस्ताव और जरूरी दस्तावेज तक नहीं भेज पाए हैं।
आरोप है कि जिला उपायुक्त और नगर पालिका अधिकारी चाहते तो 29 फरवरी की नपा की बैठक में समालखा को नगर परिषद बनाने का प्रस्ताव पारित कर सकते थे, लेकिन यह जरूरी काम करना किसी ने उचित नहीं समझा। आरोप है कि सरकार के मांगने के बावजूद नगर पालिका अधिकारियों ने नगर परिषद बनाने का प्रस्ताव और जरूरी दस्तावेज नहीं भेजे हैं। आरटीआई एक्टिविस्ट एवं संघर्ष मोर्चा के संयोजक पीपी कपूर ने बताया कि गत 12 फरवरी को शहरी स्थानीय निकाय विभाग के महानिदेशक ने उपायुक्त, जिला पालिका आयुक्त और नगर पालिका सचिव को पत्र भेजकर नगर पालिका का दर्जा बढ़ाकर नगर परिषद बनाने के लिए प्रस्ताव एवं दस्तावेज तलब किए थे।

उन्होंने बताया कि शहरी स्थानीय निकाय निदेशालय के महानिदेशक ने जिला उपायुक्त को संघर्ष मोर्चा के ज्ञापन की प्रति सहित भेजे पत्र द्वारा नगर पालिका प्रस्ताव, नक्शा, वर्तमान जनसंख्या और कुल रकबा सहित अपनी ओर से सिफारिश रिपोर्ट मांगी थी। लेकिन आज तक किसी अधिकारी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की इस घोषणा को सिरे चढ़ाने का कोई प्रयास नहीं किया है। मामले को लेकर 3 सप्ताह का समय बीत चुका है। ऐसे में उपायुक्त सहित नगर पालिका अधिकारियों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है।

गौरतलब है कि गत वर्ष 26 नवंबर को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने समालखा अनाज मंडी में आयोजित रैली के दौरान संघर्ष मोर्चा की मांग पर नगरपालिका का दर्जा बढ़ाकर नगर परिषद बनाने की अहम घोषणा की थी। संघर्ष मोर्चा संयोजक एवं आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने बताया कि गत 20 जनवरी को भी उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को मांग पत्र भेजकर नगर पालिका को नगर परिषद बनाने की सीएम घोषणा लागू करने, पालिका सीमा वृद्धि का गजट नोटिफिकेशन जारी करने और सभी करीब 22 अवैध कॉलोनियों को स्वीकृत करने की मांग की थी।

पीपी कपूर का कहना है कि पिछले 28 वर्षों से समालखा नगर पालिका सीमा में वृद्धि न होने के कारण अवैध कॉलोनियों के स्वीकृत होने में भारी परेशानियां हो रही हैं। समालखा में अधिकतर अवैध कॉलोनियां पालिका सीमा से बाहर के रकबे में स्थित हैं, इसलिए अधिकार क्षेत्र से बाहर बनी इन अवैध कॉलोनियों को स्वीकृत कराने का केस पालिका अधिकारी सरकार को भेज ही नहीं पा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि समालखा को नगर परिषद बनाए बगैर और पालिका सीमा वृद्धि किए बिना समालखा का विकास संभव नहीं है, लेकिन भाजपा सांसद, कांग्रेसी विधायक और अधिकारी इस गंभीर जनसमस्या की घोर उपेक्षा कर रहे हैं। पीपी कपूर का कहना है कि मामले को लेकर कई बार अधिकारियों को ज्ञापन दिया जा चुका है, लेकिन लोगों की समस्या के समाधान के लिए कोई उचित कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। ऐसे में आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में यह उपेक्षा भाजपा सरकार को भारी पड़ सकती है।
