जींद के अलेवा गांव के सरपंच की ओर से कचरे की समस्या को एक नया फरमान जारी किया गया है। जिसके चलते निर्देश जारी किए गए है कि यदि किसी भी द्वारा गांव की गलियों व नालियों में कचरा डाला गया, तो उस पर एक हजार रूपये का जुर्माना लगाया जाएगा। जिसको लेकर सरपंच द्वारा अधिकारियों के साथ मिलकर ग्रामीणों को जागरूक भी किया जाएगा, ताकि कचरे को स्थान पर ही डाला जाए और गांव को साफ-सुथरा रखा जा सके।
बता दें कि सरपंच की ओर से गांव में कचरा डालने के लिए गांव में 6 शेड का निर्माण करवाया है। जिसमें गांव का कचरा डाला जाएगा। सरपंच का कहना है कि पहले हम गांव वालो को समझाएंगे, लेकिन फिर भी नही माने तो जुर्माना लगेगा और जुर्माना नही भरा तो कोटे से मिलने वाले राशन को रोक दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कचरे की समस्या से गांव को बीमारियों की चपेट से बचाया जा सकता है और गांव का सौंदर्यीकरण भी किया जा सकता है। जिसको लेकर एक अच्छी सोच के साथ नए फरमान को जारी किया गया है, जिस पर ग्रामीणों को अमल करते हुए अपने गांव को गंदगी से दूर रखना है।
पहले भी पानी को लेकर जारी कर चुके फरमान
बता दें कि इससे पहले गांव के सरपंच ने एक और फरमान जारी किया था। जिसमें गांव के लोगों द्वारा अगर पानी को व्यर्थ खराब किया गया, तो 2000 का जुर्माना लगाया जाएगा। सरपंच का कहना हैं कि पहले जो हमने फरमान जारी किया था, जिसमें काफी हद तक सफलता भी मिली है। अब गांव के लोग पानी को बहुत कम व्यर्थ करते है। हमारा अगला टारगेट अब लोगों को सफाई अभियान के बारे में जागरूक करना है, कुछ लोग ऐसे है जो बिना सख्ती के नही मानते, इसलिए इस तरह फरमान जारी करने पड़ते है।
हर ग्रामीण की जिम्मेदारी गांव को स्वच्छ रखना
सरपंच ने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों के गांव में इस प्रकार के फरमान जारी किए जाने चाहिए, ताकि जनता हर काम को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए पूरा करें। यदि गलियों में कचरा नहीं होगा और नालियां भी साफ-सुथरी दिखाई देगी, तो इसका लाभ भी ग्रामीणों को ही मिलेगा। गांव को साफ रखना केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, अपितु हर ग्रामीण की जिम्मेदारी है। ऐसा करने से स्वयं को बीमारियों से भी बचाया जा सकता है।