हरियाणा के जिला पानीपत में जीटी रोड स्थित आकाश इंस्टीट्यूट में अंशुल हत्याकांड में नया मोड़ सामने आया है। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दूसरे छात्र को चाकू बेचने वाले दुकानदार की गिरफ्तारी की है। जिसकी पहचान हरभजन के रूप में हुई है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
पुलिस के अनुसार हरभजन की पानीपत के सुभाष बाजार में दुकान है। पुलिस ने यहां से 16 चाकू भी बरामद किए हैं। आरोपी हरभजन को मंगलवार को कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने आरोपी हरभजन पर आर्म्स एक्ट लगाया है। बता दें कि स्कूल में झगड़े के बाद रोहतक में तैनात एएसआई के बेटे ने आकाश इंस्टीट्यूट में भौतिक विज्ञान के पीरियड में अंशुल की चाकू मारकर हत्या कर दी थी।
आरोपी छात्र भी अंशुल के साथ मॉडल संस्कृति स्कूल में कक्षा 11वीं का छात्र था। वह अंशुल की हत्या के लिए बाजार से 400 रुपये का चाकू खरीदकर लाया था। बैग में चाकू लेकर आकाश इंस्टीट्यूट में पहुंचा था। यहां शाम सवा पांच बजे उसने अंशुल के दिल में चाकू घोपकर उसकी हत्या कर दी थी।

हत्या के लिए इंस्टीट्यूट भी जिम्मेदार, पुलिस दे रही मामले में ढील
परिजनों का कहना है कि जब प्रबंधन को पहले से ही पता था कि हत्यारोपी छात्र आपराधिक प्रवृत्ति का है तो उसे यहां दाखिला नहीं देना चाहिए था। कोचिंग सेंटर में आने वाले छात्रों के बैग की तलाशी लेनी चाहिए थी। आकाश इंस्टीट्यूट प्रबंधन को स्वयं पूरे इंस्टीट्यूट की फुटेज पुलिस के सामने रखनी चाहिए थी। अब पुलिस भी इस मामले में ढील दे रही है। अंशुल की हत्या के लिए आकाश इंस्टीट्यूट भी जिम्मेदार है। उनकी मांग है कि उनके बेटे की हत्या के आरोप में आकाश इंस्टीट्यूट पर कार्रवाई की जाए। वह अपने बेटे को इंसाफ दिलाने के लिए न्याय की लड़ाई लड़ते रहेंगे।
मृतक छात्र के परिजनों ने इंस्टीट्यूट प्रबंधन पर भी उठाएं सवाल
मृतक अंशुल की बड़ी बहन शालू, मौसी मोनिका, चचेरे भाई जितेंद्र, चाची ज्योति व सीमा का आरोप है कि अंशुल की हत्या को तीन दिन हो चुके हैं। अब तक आकाश इंस्टीट्यूट पर कार्रवाई नहीं की गई है। प्रबंधन की लापरवाही से अंशुल की मौत हुई है। अंशुल पर जानलेवा हमले के बाद उसके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया। उसका इलाज कराने की बजाय उसको इंस्टीट्यूट से बाहर निकाल दिया गया, जबकि प्रबंधन का कर्तव्य है कि वह इंस्टीट्यूट में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करे।