आज मनेगी 5 शुभ योग में सिद्धी विनायक चतुर्थी, इस विधि से करें गणेश जी पूजा

धर्म पानीपत हरियाणा


भगवान शिव का प्रिय सावन का महीना चल रहा है। सावन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर आज विनायक चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा। विनायक चतुर्थी के दिन गणेश जी की विशेष पूजा की जाती है। यह इसलिए भी विशेष हैं क्योंकि इसी तिथि पर ‘साध्य’ और ‘अमृत सिद्धि योग‘ का बहुत ही शुभ योग में निर्माण हो रहा है। भगवान गणेश जी को शुभता का प्रतीक माना जाता हैं। इसलिए इस दिन गणेश जी की विधिवत पूजा करने से जीवन की सारी समस्यओं का अंत हो जाता है।

सिद्धि विनायक चतुर्थी का महत्व

भगवान गणेश जी को सभी देवताओं में सर्वप्रथम पूजनीय माना गया है। कोई भी मंत्र, जाप, अनुष्ठान गणेश पूजा के बीना सफल नहीं मानी जाती है। शास्त्रों में विनायक चतुर्थी की महिमा का बहुत बड़ा महत्व बताया गया है। इस दिन गणपति जी की पुजी करने से व्यक्ति को धन-लाभ, सुख-समृद्धि और वैभव की प्राप्ति होती है। भगवान गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा जाता है इस दिन गणेश जी की विधिवत पूजा करने से जीवन की सारी समस्यओं का अंत हो जाता है।

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इस दिन विनायक जी की पूजा करने से बच्चों को करियर में सफलता मिलती है, नौकरीपेशा और व्यापारियों के तरक्की के रास्ते खुल जाते है। बिना किसी अढ़चन के सारे काम पूरे हो जाते है। गणेश जी की पूजा करने वालो को कभी धन की कमी नहीं रहती, संतान प्राप्ति के लिए ये व्रत बहुत ही फलदायी माना जाता हैं।

विनायक चतुर्थी पर बन रहे 5 शुभ योग

सावन की विनायक चतुर्थी के दिन व्रत रखकर गणेश जी की पूजा करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस दिन 5 शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। इस बार सावन माह की शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि 19 अगस्त की रात 10 बजकर 19 मिनट से शुरु होगी और 21 अगस्त की रात 12 बजकर 21 मिनट पर समाप्त हो जाएगी।

  1. सर्वार्थ सिद्धि योग- सुबह 05 बजकर 53 मिनट से लेकर 21 अगस्त को सुबह 04 बजकर 22 मिनट तक रहेगा।
  2. रवि योग- सुबह 06 बजकर 21 मिनट से लेकर 21 अगस्त को सुबह 04 बजकर 22 मिनट तक रहेगा।
  3. अमृत सिद्ध- सुबह 5 बजकर 53 मिनट से पुरे दिन रहेगा।
  4. साध्य योग- 19 अगस्त रात 9 बजकर 19 मिनट से लेकर 20 अगस्त को रात 9 बजकर 58 मिनट तक रहेगा।
  5. शुभ योग- 20 अगस्त यानि आज 9 बजकर 58 मिनट से लेकर 21 अगस्त को रात 10 बजकर 20 मिनट तक रहेगा।

गणेश चतुर्थी की पूजन विधि

विनायक चतुर्थी के दिन सुबह के समय ब्रह्म मुहूर्त में जल्दी उठकर स्नान करें। इसकें बाद लाल रंग के कपड़े पहनें और सुर्य भगवान को तांबे के लोटे से पानी अर्पण करें। भगवान गणेश के मंदिर में एक जटा वाला नारियल और मोदक प्रसाद के रुप में लेकर जाएं। उन्हें गुलाब के फूल व दूर्वा अर्पण करें और ऊँ गं गणपतेय नम: मंत्र का 27 बार जाप करें इसके बाद धूप दीप लगाएं।
फिर दोपहर के समय गणेश जी के पूजा के समय घर में अपनी इच्छा के अनुसार पीपल, तांबा या मिट्टी से निर्मित गणेश प्रतिमा स्थापित करें। संकल्प के बाद पुजा करें और गणेश जी की आरती करें मोदक का भोग लगाकर उसे प्रसाद के रुप सभी को बाँट दें। ऐसा करने से भगवान गणपति की कृपा सदा आप पर बनी रहेगी।