सिरसा में हाल ही में एक घटना सामने आई, जिसमें खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के ऑडिटर वीरेंद्र कुमार को 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया। मामले में कोर्ट ने उन्हें दोषी करार देकर 4 साल की कैद की सजा सुनाई।
जानकारी अनुसार भीम कॉलोनी में निवास करने वाले प्रेम जैन के बरूवाली प्रथम में सरकारी राशन डिपो है। उनके राशन वितरण का कमीशन एक विशिष्ट अवधि के लिए बकाया था। 17 मई 2018 को प्रेम जैन ने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग कार्यालय में जाकर ऑडिटर वीरेंद्र कुमार से मुलाकात की। इस मुलाकात में वीरेंद्र कुमार ने 50 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। प्रेम जैन ने रिश्वत न देने का फैसला किया और उन्होंने विजिलेंस ब्यूरो को शिकायत की। उसके बाद स्टेट विजिलेंस ब्यूरो हिसार ने सिरसा डीसी से अनुमति ली और मजिस्ट्रेट नियुक्त करने की मांग की। जिसके बाद विजिलेंस ब्यूरो ने प्रेम जैन को फीनॉलफ्थेलिन पाउडर लगे 2000 हजार के 25 नोट दिए। विजिलेंस ब्यूरो के कहने पर प्रेम जैन ने ऑडिटर वीरेंद्र कुमार को बीकानेर स्वीट्स पर बुलाया।

टीम ने रंगे हाथों था दबोचा
वीरेंद्र कुमार को बुलाने पर जैसे ही रुपए पकड़े गए, विजिलेंस ब्यूरो की टीम ने उन्हें पकड़ लिया और रंगे हाथों दबोच लिया। जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें 4 साल की कैद की सजा सुनाई। यह सारा मामला खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में काम करते समय हुआ। यह एक सीरियस मामला है, जो राशन के वितरण की प्रक्रिया को लेकर है। यह समाज के लोगों के लिए भ्रष्टाचार की एक और मिसाल है।

लोगों में भरा रहता है आतंक
भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में सजा का प्रावधान होना बहुत महत्वपूर्ण है। इसके माध्यम से लोगों में आतंक भरा रहता है और वे अपने काम को सही तरीके से करते हैं। मामला महत्वपूर्ण संदेश देता है कि कोई भी भ्रष्टाचार की चपेट में न आए। राजनीतिक और सामाजिक प्रक्रियाओं में ईमानदारी और सत्य का पालन करना हमारी जिम्मेदारी होती है। मामले में विजिलेंस ब्यूरो ने बहुत ही सख्ती से काम किया है।