Sirsa के डबवाली क्षेत्र में एक जमीन की रजिस्ट्री(Registry) के मामले में नायब तहसीलदार(Naib Tehsildar) द्वारा रिश्वत मांगने(demanding bribe) का आरोप लगा। यह मामला तब सामने आया, जब एक सब्जी बेचने वाले व्यक्ति दर्शन मोंगा ने अपनी जमीन की रजिस्ट्री के लिए 10 हजार रुपए की रिश्वत मांगे जाने की बात कही। दर्शन मोंगा का कहना है कि उन्होंने 7 जून को अपने आवासीय प्लॉट की रजिस्ट्री करवाई थी और वह रजिस्ट्री की कॉपी लेने के लिए कई बार तहसील कार्यालय गए, लेकिन उन्हें हर बार टाल दिया गया।
जब दर्शन ने डीड राइटर से संपर्क किया, तो उसने बताया कि नायब तहसीलदार को 10 हजार रुपए देने पड़ेंगे, तभी रजिस्ट्री की कॉपी मिलेगी। दर्शन मोंगा ने यह सुनकर नायब तहसीलदार रणबीर सिंह से सीधे बात की। रणबीर सिंह ने रिश्वत मांगने की बात से इंकार करते हुए कहा कि उन्होंने किसी से कोई सुविधा शुल्क नहीं मांगा है और वह गंगाजल की कसम खा सकते हैं। 19 जून को दर्शन मोंगा तहसील कार्यालय में गंगाजल लेकर पहुंचे और नायब तहसीलदार से कसम खाने के लिए कहा। गंगाजल देखकर नायब तहसीलदार के होश उड़ गए और उन्होंने तुरंत डीड राइटर और प्रॉपर्टी डीलर को बुलाया।
प्रॉपर्टी डीलर ने स्वीकार किया कि डीड राइटर ने कहा था कि नायब तहसीलदार 10 हजार रुपए मांग रहे हैं, लेकिन डीड राइटर ने इस बात से इनकार कर दिया। नायब तहसीलदार ने गंगाजल की कसम नहीं खाई, दर्शन मोंगा को रजिस्ट्री की कॉपी दे दी। मामले पर डबवाली के एसडीएम अभय सिंह जांगड़ा ने कहा कि डीड राइटर के पास जाने की कोई आवश्यकता नहीं थी और यह काम ऑनलाइन आवेदन से हो सकता है।
किसी से नहीं मांगा सुविधा शुल्क
उन्होंने कहा कि वह इस व्यवस्था की दोबारा जांच करवाएंगे और मामले की पूरी तरह से जांच करेंगे। नायब तहसीलदार रणबीर सिंह ने कहा कि उन्होंने किसी से भी सुविधा शुल्क नहीं मांगा और उन्होंने सभी से दलालों से बचकर रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति अपना काम करवाने आता है, उसका काम बिना किसी रुकावट के किया जाता है और रजिस्ट्री कराने में किसी भी प्रकार की परेशानी या देरी नहीं होती।