सोनीपत पुलिस ने फर्जीवाड़े के मामले में एडीजी हेल्थ को जांच में शामिल किया है। एडीजी पर आरोप है कि उनके कार्यकाल के दौरान उन्होंने एक व्यक्ति का फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र दो बार बनवाया था। उक्त प्रमाण पत्र के आधार पर आरोपी ने हुड्डा में प्लॉट सहित अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ लेते हुए सरकार को लाखों रुपए का चूना लगाने का काम किया है।
मामले में पीड़ित महिला ने वर्ष 2004 में पुलिस को शिकायत दी थी। जिस पर पुलिस की तरफ से कोई कार्रवाई न होने के चलते पीड़िता ने गृह मंत्री अनिल विज का दरवाजा खटखटाया। जिसके बाद पुलिस ने पांच चिकित्सक आरोपितों को जांच में शामिल किया है। मामले में तत्कालीन चिकित्सक डॉक्टर जसवंत पूनिया हाल में एडीजी हेल्थ के पद पर तैनात हैं जिन्हें कोर्ट परिसर चौकी पुलिस ने जांच में शामिल किया है।
स्वास्थय मंत्री अनिल विज को भेजी शिकायत
रायपुर की रहने वाली सोनिया ने बताया कि उसने गृह और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को शिकायत भेज कर कहा था कि उनकी शादी गोहाना रोड स्थित शास्त्री कॉलोनी में रहने वाले नरेश मलिक से हुई थी। आरोप है कि नरेश मलिक ने स्वस्थ होते हुए भी जिला अस्पताल में दिव्यांगता का प्रमाण पत्र बनवाकर कोटे से एचएसवीपी में दो प्लॉट लिए हैं दोनों प्लॉट में दिव्यंगता के अलग-अलग प्रमाण पत्र लगाए गए हैं जिसमें एक 90% दूसरा 85% का प्रमाण पत्र है। इसमें पोलियो की दिव्यंका दिखाई गई है। यह प्रमाण पत्र आरोपित ने 2004 में बनाए थे।
आरोप है कि नरेश ने जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में बतौर चालक तैनात अपने पिता महेंद्र के साथ मिलकर अनुभव प्रमाण पत्र प्राप्त कर नौकरी भी हासिल की थी। विज के आदेश पर 5 अक्टूबर 2022 को मामला दर्ज किया गया था। पीड़िता ने कहा कि वह ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करवाना चाहती है। आरोपीतो ने फर्जीवाड़ा करके मिली भगत से सरकारी योजनाओं का लाभ उठाया है। जिससे सरकार को लाखों करोड़ों रुपए का चुना लगा है।
हैंडीकैप के फर्जी सर्टिफिकेट तैयार करवाने के आरोप
मीडिया से बातचीत में कोर्ट परिसर चौकी जांच अधिकारी बलवान सिंह ने बताया कि रायपुर निवासी सोनिया ने अपने पति व ससुर के खिलाफ नरेश की पत्नी थी। जो रायपुर की लड़की थी। उनकी पति-पत्नी अनबन होने के कारण अपने पति व ससुर के खिलाफ शिकायत दी थी। जिसमें हैंडीकैप के दो सर्टिफिकेट फर्जी तरीके से तैयार करवाने का आरोप लगाया था। मामले की जांच की तो मामले में खुलासा हुआ कि आरोपित ने अपने ही गांव के विष्णु नाम के युवक को अपनी जगह पर खड़ा करके उसे लालच देकर फर्जी दिव्यंगता प्रमाण- पत्र तैयार करवाए थे।
पांच डॉक्टरों को किया जा चुका गिरफ्तार
उन्होंने बताया कि पुलिस की तरफ से आरोपी को कोर्ट में पेश कर बयान भी दर्ज करवाए जा चुके हैं। आरोपी नरेश मलिक के पिता महेंद्र सिंह मलिक रेडियो ऑफिस में चालक के तौर पर तैनात था। महेंद्र मलिक व डॉक्टर जसवंत सिंह पूनिया की दोस्ती थी। डॉक्टर जसवंत पनिया के साथ महेंद्र सिंह मलिक ने मिलकर अपने बेटे नरेश मलिक का दिव्यंगता प्रमाण पत्र पैनल के दूसरे चिकित्सक पर दबाव बनाकर बनवाया था। मामले में जांच के दौरान पांच डॉक्टरों को गिरफ्तार किया जा चुका है। हाल में डॉक्टर जसवंत पूनिया चंडीगढ़ एडीजी हेल्थ की पोस्ट पर तैनात हैं। यह षड्यंत्र के मामले में आरोपित है पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है।