➤ आरोपी शशांक शर्मा के खातों से जुड़े 76 नाम, ड्राइवर से अफसर तक शामिल
➤ ACB को मिले लेनदेन के सबूत, 5 हजार से लेकर 2 लाख तक के ट्रांजैक्शन
➤ 8 साल एक ही सीट पर तैनाती के पीछे राजनीतिक रसूख की आशंका
सोनीपत डीसी कार्यालय में रिश्वत के खेल का बड़ा खुलासा हुआ है। डीसी के निजी सहायक (PA) शशांक शर्मा के रिश्वत कांड की जांच में 76 नए कर्मचारियों और निजी व्यक्तियों के नाम सामने आए हैं, जिनके खातों से आरोपी के खातों में पैसों का लेन-देन हुआ है। यह लेनदेन 5 हजार से लेकर 2 लाख रुपए तक के ट्रांजैक्शन के रूप में सामने आया है। ACB (एंटी करप्शन ब्यूरो) अब इन सभी खातों की जांच कर रही है और एक विस्तृत लिस्ट तैयार की गई है।
पहले सिर्फ 8 लोगों की ट्रांजैक्शन हिस्ट्री सामने आई थी, जिनमें नाजिर शाखा, सहायक हरीश कुमार, DITS ऑपरेटर अनूप सिंह, दीपांशु, अखिल और दो ड्राइवर शामिल थे। लेकिन जैसे-जैसे जांच की परतें खुलीं, यह भ्रष्टाचार का जाल डीसी ऑफिस के पूरे स्टाफ को अपनी चपेट में लेता दिखा।
8 साल से एक ही सीट पर जमे थे आरोपी शशांक शर्मा
एडवोकेट राजेश दहिया के मुताबिक, आरोपी शशांक पिछले 8 वर्षों से एक ही सीट पर जमे हुए थे, और उनकी स्थायित्व की वजह सत्ता से मिली ‘संरक्षण’ हो सकता है। उनका दावा है कि राजनीतिक रसूख के चलते ही उन्हें हटाया नहीं गया और इसी दौरान रजिस्ट्री, आरसी पद, ट्रांसफर-पोस्टिंग, और सर्टिफिकेट देने जैसे कार्यों में मोटी रकम ली जाती रही।
नाम सामने आते ही कर्मचारी छुट्टी पर या ‘बीमार’ हो गए
ACB के सूत्रों के अनुसार, जैसे ही नाम सार्वजनिक हुए, कई कर्मचारी अचानक छुट्टियों पर चले गए, और कुछ ने बीमारी का बहाना बना लिया। यह दर्शाता है कि डीसी ऑफिस में बैठा हर स्तर का कर्मचारी इस रिश्वत नेटवर्क का हिस्सा या लाभार्थी रहा है।
पैसों के बदले लगते थे रजिस्ट्री क्लर्क और आरसी अधिकारी
शिकायतकर्ता जितेंद्र ने आरोप लगाया है कि राई तहसील में क्लर्क पद के लिए उससे 5 लाख रुपए की मांग की गई थी। यह प्रमाण है कि पैसे लेकर पोस्टिंग करवाना एक व्यवस्थित खेल था।
शशांक के अकाउंट में 76 ट्रांजैक्शन: ड्राइवर से लेकर निजी लोगों तक शामिल
ACB को आरोपी शशांक के खातों से 76 व्यक्तियों से पैसे ट्रांसफर होने के प्रमाण मिले हैं। इनमें से कुछ लेनदेन निम्नलिखित हैं:
- हरीश कुमार (सहायक): ₹20,000
- अनूप सिंह (DITS ऑपरेटर): ₹2,19,330
- अखिल (DITS ऑपरेटर): ₹1,30,000
- दीपांशु (DITS ऑपरेटर): ₹2,75,000
- प्रवीण कुमार (ड्राइवर): ₹10,000
निजी लोगों से मिली मोटी रकम भी ACB के रडार पर
सरकारी कर्मचारियों के अलावा, शशांक के निजी संपर्कों से भी भारी रकम मिली, जिनमें:
- आशीष धीमान: ₹4,30,000
- मोहित धीमान: ₹50,000
- विनय (गैर सरकारी व्यक्ति): ₹55,000
इन सभी लेनदेन की जांच के लिए लिस्ट तैयार कर ली गई है और 5 जुलाई को आरोपी को कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां जांच रिपोर्ट पेश की जाएगी।