Sonipat गोहाना में जमीन मुआवजे को लेकर किसानों और इंडियन ऑयल के बीच विवाद फिर से गहराता जा रहा है। सोमवार को किसानों ने तेल पाइपलाइन बिछाने का काम रुकवा दिया। पुलिस और किसानों के बीच तनावपूर्ण माहौल बन गया, लेकिन प्रशासन ने उचित कार्रवाई का आश्वासन देकर मामले को संभालने की कोशिश की।
कोहला में महापंचायत, मुआवजे की मांग पर अड़े किसान
सोमवार को कोहला गांव में किसानों की महापंचायत हुई। किसान नेता रवि आजाद और अक्षय नरवाल के नेतृत्व में भारी संख्या में किसान जुटे। महापंचायत में पानीपत के किसानों की तर्ज पर मुआवजा देने की मांग उठाई गई। किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, पाइपलाइन का काम नहीं होने देंगे।
पानीपत और सोनीपत के मुआवजे में भेदभाव का आरोप
किसान नेताओं ने कहा कि पानीपत के किसानों को 80 लाख रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया गया, जबकि सोनीपत के किसानों को केवल 26 लाख रुपये देने की बात की जा रही है। जमीन की कीमत में थोड़ा अंतर हो सकता है, लेकिन इतना बड़ा भेदभाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पिछले साल से जारी है आंदोलन
अगस्त 2024 से चल रहे इस आंदोलन के दौरान किसानों ने बीजेपी नेताओं अरविंद शर्मा और प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बडोली से भी मुलाकात की थी। हालांकि, किसानों को केवल आश्वासन मिला, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
पानीपत से गुजरात तक बिछाई जा रही है पाइपलाइन
इंडियन ऑयल की यह पाइपलाइन पानीपत से गुजरात तक बिछाई जा रही है। किसान पंचायत ने स्पष्ट कर दिया है कि उचित मुआवजा मिलने तक वे इस परियोजना को पूरा नहीं होने देंगे।