Sonipat गांव ककरोई में एक मां के अपने बेटे को बचाने का साहसिक प्रयास उसकी जान पर भारी पड़ गया। 60 वर्षीय बिमला देवी, जिन्होंने अपने बेटे को दो हमलावरों से बचाने की कोशिश की, आरोपियों द्वारा धक्का दिए जाने के बाद जमीन पर गिरीं और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। यह घटना पूरे गांव में सनसनी फैला गई है।
घटना की जड़ एक मामूली सड़क दुर्घटना थी। बिमला का बेटा कृष्ण कुछ दिन पहले अपनी स्कूटी में पेट्रोल भरवाने जा रहा था, जब गांव रोहट के मंदीप की कार से उसकी टक्कर हो गई। इस टक्कर ने छोटी कहासुनी को जन्म दिया, जो जल्द ही बड़ा विवाद बन गया। मंदीप ने कृष्ण को फोन कर फिर से झगड़ा शुरू कर दिया, जो इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना का कारण बना।
सोमवार शाम, मंदीप अपने साथी सतपाल को साथ लेकर कृष्ण के घर पहुंचा। दोनों ने मिलकर कृष्ण के साथ मारपीट शुरू कर दी। अपने बेटे को पिटता देख बिमला ने हस्तक्षेप किया। लेकिन आरोपियों ने क्रूरता दिखाते हुए उन्हें धक्का दे दिया। बिमला जमीन पर गिरीं और उनकी जान चली गई।
सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। आरोपियों को पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है।