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हरियाणा की माँ बेटे की जोड़ी ने धुम्मा ठा दिया रे, नेशनल पावरलिफ्टिंग में रचा ये इतिहास

हरियाणा सोनीपत

➤सोनीपत की मां-बेटे की जोड़ी ने पावरलिफ्टिंग नेशनल चैंपियनशिप में 6 गोल्ड जीते
➤बेटे लक्की ने 4 और मां सुषमा ने 2 गोल्ड अपने नाम किए
➤दोनों ने हरियाणा का नाम खेल जगत में रोशन किया

हरियाणा के सोनीपत जिले के सेक्टर-23 से निकली एक मां-बेटे की जोड़ी ने हौसले, अनुशासन और मेहनत का ऐसा उदाहरण पेश किया है, जो हर किसी के लिए प्रेरणा बन गया। संस्कृत मॉडल स्कूल की प्राइमरी टीचर ज्योति और उनके 16 वर्षीय बेटे मौलिक ने एक साल की कठिन ट्रेनिंग के बाद गुजरात के महेसाणा में आयोजित नेशनल पावरलिफ्टिंग 2025 में शानदार प्रदर्शन करते हुए तीन-तीन गोल्ड मेडल, कुल 6 गोल्ड अपने नाम कर लिए।

ज्योति की जिंदगी आसान नहीं रही। वैवाहिक जीवन में अनबन और मुश्किल दौर से गुजरते हुए भी उन्होंने अपने बेटे को सही रास्ते पर रखने के लिए जिम ज्वाइन करवाया। लेकिन किस्मत ने मोड़ तब लिया, जब उनकी अपनी सेहत बिगड़ने लगी। ऐसे में उन्होंने भी बेटे के साथ जिम जाना शुरू कर दिया।

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पहली बार उतरे राष्ट्रीय मंच पर, और कर दिखाया कमाल
घर की जिम्मेदारियों और स्कूल के काम के बीच रोज़ 2 घंटे निकालकर ज्योति ने ट्रेनिंग शुरू की। केवल एक महीने की मेहनत के बाद ही उन्होंने पहली बार राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में हिस्सा लिया।

  • 63 किग्रा वेट कैटेगरी में मैक्स लिफ्ट – 63 किग्रा,
  • डेडलिफ्ट – 70 किग्रा,
  • स्क्वाट – 75 किग्रा
  • और बेंच प्रेस – 30 किग्रा वजन उठाकर तीन अलग-अलग इवेंट में गोल्ड जीत लिए।

उधर, 11वीं कक्षा में पढ़ने वाले मौलिक ने भी 63 किग्रा वेट कैटेगरी में तीनों इवेंट में गोल्ड मेडल जीतकर सबका दिल जीत लिया।

सफलता का मंत्र
मौलिक का कहना है कि सोशल मीडिया और नशे से दूरी, माता-पिता के साथ दोस्त जैसा रिश्ता और सेहत पर ध्यान देना ही उनकी सफलता का असली राज है। वहीं, ज्योति और मौलिक का अब अगला लक्ष्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पावरलिफ्टिंग में भारत का नाम रोशन करना है।

यह जीत सिर्फ एक खेल उपलब्धि नहीं, बल्कि एक संदेश है—कि अगर हौसले बुलंद हों, तो मुश्किल से मुश्किल हालात में भी जीत आपकी हो सकती है।