हरियाणा सरकार ने निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। सोनीपत में नगर निगम मेयर उपचुनाव और खरखौदा नगर पालिका के चुनाव 2 मार्च 2025 को होंगे। मतदाता 2 मार्च को वोट देंगे और 12 मार्च को नतीजे आएंगे।
खरखौदा नगरपालिका एससी आरक्षित सीट
इस बार खरखौदा नगर पालिका के चुनाव में एससी वर्ग के लिए आरक्षित सीट रखी गई है। इसके लिए नामांकन प्रक्रिया 11 फरवरी से शुरू होगी और 17 फरवरी तक चलेगी। चुनाव के बाद रिपोलिंग 9 मार्च को होगी, जबकि 12 मार्च को काउंटिंग सुबह 8 बजे से शुरू होगी। इस दौरान कोई भी ट्रांसफर नहीं होगा, और महत्वपूर्ण मामलों के लिए विशेष अनुमति लेनी होगी।
सोनीपत नगर निगम में मेयर उपचुनाव
सोनीपत नगर निगम में मेयर उपचुनाव के लिए कुल 2,94,350 मतदाता हैं। वहीं, खरखौदा नगर पालिका के चुनाव में 20,149 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इस बार मेयर उपचुनाव में 47,000 नए मतदाता जुड़े हैं, और मतदान के लिए नगर निगम क्षेत्र में 268 बूथ बनाए गए हैं, जहां 450 इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) का इस्तेमाल होगा।
विधायक बनने के बाद रिक्त हुआ मेयर पद
दिसंबर 2020 में हुए पहले नगर निगम चुनाव में कांग्रेस के निखिल मदान मेयर बने थे, जो बाद में भाजपा में शामिल हो गए और विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक बन गए। विधायक बनने के बाद से नगर निगम का मेयर पद खाली है।
10 महीने के लिए होगा नया मेयर
मेयर पद के लिए उपचुनाव में जीतने वाला उम्मीदवार करीब 10 महीने तक मेयर के पद पर रहेगा, क्योंकि दिसंबर 2025 में नगर निगम के मेयर का कार्यकाल पूरा हो जाएगा। फिर से नगर निगम के अंतर्गत नए चुनाव होंगे। 2026 में आगामी मेयर का चुनाव महिला आरक्षित सीट के आधार पर किया जाएगा।
सीनियर डिप्टी मेयर को मिला कार्यकारी मेयर का चार्ज
मेयर पद रिक्त होने के बाद वर्तमान सीनियर डिप्टी मेयर को कार्यकारी मेयर का चार्ज सौंपा गया था। प्रशासन अब उपचुनाव की तैयारी में जुट गया है, और राज्य चुनाव आयोग से निर्देश मिलने पर जल्द ही चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी।
मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन
नगर निगम चुनाव के लिए मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन किया जा चुका है। यह सूची विधानसभा चुनाव में तैयार की गई नई मतदाता सूची के आधार पर अपडेट की गई है। मतदाता सूची को नगर निगम सोनीपत की आधिकारिक वेबसाइट पर देखा जा सकता है।
चुनाव में राजनीतिक हलचल तेज
चुनाव से पहले सोनीपत नगर निगम मेयर उपचुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। विभिन्न राजनीतिक दल अपने उम्मीदवारों की तलाश कर रहे हैं, क्योंकि यह उपचुनाव विधानसभा चुनाव से पहले हो रहे हैं, जिससे इसका राजनीतिक महत्व और बढ़ गया है।