Gohana में फिर टूटी नहर, सैकड़ो एकड़ फसल हुई जलमग्नमें एक सप्ताह में ही दूसरी बार नहर टूटने का मामला सामने आया है। निश्चित तौर पर यह सिंचाई विभाग की एक बड़ी लापरवाही मानी जा रही है। क्योंकि सिंचाई विभाग लाखों करोड़ों रुपए सफाई करने को लेकर दावे करता है। जहां एक बार फिर नहर पटरी से रिसाव होकर 50 फुट के आसपास हांसी बुटाना नहर की पटरी टूट गई है। गांव गंगाना के खेतों में जल भराव हो गया है। ईशापुर ड्रेन बने होने के चलते गांव सुरक्षित है।
बरोदा के विधायक इंदुराज भालू ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए लापरवाही बताई है। वहीं उन्होंने यह भी कहा है कि एक सप्ताह में पहले भी जहां भावड़ गांव में खेतों में नहर का पानी पहुंचा था, उसके साथ रेत जमा हो गई है जिससे फसल प्रभावित हो गई है। विधायक ने यह भी कहा है कि किसान द्वारा अपनी फसल को तैयार करने को लेकर तमाम प्रकार के खर्च फसल पर लग चुका है और ऐसे में नहर का टूट जाना किसान के लिए एक बड़ी चोट है। वहीं उन्होंने गिरदावरी की मांग भी उठाई है और मुआवजे के तौर पर 80 हजार रुपये किसान को देने की मांग की है।
जांच करवाने के आदेश जारी
गोहाना के एसडीएम द्वारा मामले को लेकर जांच करवाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं और संबंधित अधिकारी कर्मचारी की लापरवाही पाई जाती है तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी और वहीं आगामी 5 से 6 घंटे में पानी का जलस्तर कम होते ही नहर के टूटे हिस्से को दोबारा से निर्मित करने का कार्य शुरू होगा।
विधायक और सरपंच ने प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप
गांव के सरपंच का आरोप है कि समय रहते हुए सिंचाई विभाग के अधिकारियों द्वारा ध्यान नहीं दिया जाता जिसके चलते इस प्रकार बार-बार यह घटनाएं हो रही हैं। इससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। सरपंच नरेन्द्र की मानें तो नहर टूटने से खेतों में नुकसान पहुंच रहा है। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि प्रशासन की लापरवाही के चलते किसानों को लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा है। गांव से बाहर ड्रेन होने के चलते पानी ड्रेन में चालू हो जाएगा और गांव सुरक्षित है। लेकिन खेतों के जल मग्न होने से फसल प्रभावित होगी।
इंदु राज भालू विधायक ने बताया कि गांव गंगाना में हांसी बुटाना नहर टूटने के चलते किसानों को काफी नुकसान हुआ है और चार दिन पहले सुंदरपुर नहर भी टूटने से किसानों की सैकड़ो एकड़ फसल जल मग्न हुई थी। नहर की पटरी के नीचे से कुछ जानवरों द्वारा खुदाई करने के चलते कमजोर हो जाती है और वहां से रिसाव शुरू होता है। लेकिन प्रशासन द्वारा समय-समय पर नहर पटरी चेक न किए जाने और लापरवाही के चलते इस प्रकार से बार-बार नहर टूट रही है।
500 से 600 एकड़ में भर गया था पानी
यह रिसाव होते-होते अब अचानक 50 फुट के आसपास हांसी बुटाना नहर की पटरी टूट गई है। गांव गंगाना के खेतों में जल भराव हो गया है। ईशापुर ड्रेन बने होने के चलते गांव सुरक्षित है। लेकिन विधायक ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए लापरवाही बताई है।
वहीं उन्होंने यह भी कहा है कि पहले भी जहां भावड़ गांव में खेतों में नहर का पानी पहुंचा था, उसके साथ रेत जमा हो गई है जिससे फसल प्रभावित हो गई है। विधायक ने यह भी कहा है कि किस द्वारा अपनी फसल को तैयार करने को लेकर तमाम प्रकार के खर्च फसल पर लगा चुका है और ऐसे में नहर का टूट जाना किसान के लिए एक बड़ी चोट है। वहीं उन्होंने गिरदावरी की मांग भी उठाई है और मुआवजे के तौर पर ₹80000 किसान को देने की मांग की है।