Sonipat में अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ संघर्ष कर रहे जिला पार्षदों ने सोमवार को जिला परिषद् कार्यालय के गेट पर झोटा बांधकर विरोध प्रदर्शन किया। वार्ड नं 11 के पार्षद संजय बड़वासनिया के नेतृत्व में पार्षदों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए कहा कि उनकी हालत सरकार ने झोटे जैसी ही बनाकर रख दी हैं। दिखने में ताकतवर लगते हैं, लेकिन पार्षदों के पास कोई अधिकार नहीं है। वार्ड के विकास कार्य करवाने के लिए दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है।
पार्षदों ने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती हैं तो आने वाले विधानसभा चुनावों में पार्षद सरकार का विरोध करेंगे। इस दौरान सुरक्षा की दृष्टि से काफी संख्या में पुलिस बल भी तैनात रहा। जिला पार्षद पिछले लम्बे समय से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। पार्षदों का आरोप हैं कि जिला पार्षद का चयन तो 40 से 50 हजार वोटों पर किया जाता हैं लेकिन उनके पास विकास कार्य करवाने के लिए खुद के नाम की कोई ग्रांट नहीं है। मानदेय भी महज 6 हजार रुपए प्रति माह दिया जा रहा है। ऐसे में विभिन्न मांगों को लेकर जिला पार्षदों ने प्रदेश स्तरीय आंदोलन शुरू करने की रुपरेखा तैयार की है। प्रदर्शन के दौरान संत कुमार, यशपाल बजाना, कुलदीप, सुरेश, सतीश, मोनू, विक्रांत सहित काफी संख्या में पार्षद व उनके प्रतिनिधि मौजूद रहे।
इन मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं पार्षद
- विधायकों की तर्ज पर पार्षदों के लिए एक निर्धारित व समान कोटा निश्चित होना चाहिए।
- चार कर्म, तीन कर्म के रास्ते पक्के करने का प्रत्येक पार्षद को अनुमति प्रदान की जाए।
- प्रत्येक पार्षद का सालाना 50 लाख का कोटा निर्धारित किया जाए।
- जिला पार्षदों को प्रोटोकॉल की अधिसूचना जारी की जाए।
- जिला पार्षदों का सम्मानजनक भत्ता दिया जाए।
- जिला पार्षदों को हरियाणा से संबंधित जिलो में टोल फ्री सुविधा दी जाए।
- वार्ड के विकास कार्यों की देखरेख व जनता की समस्याएं सुनने हेतु प्रत्येक जिला पार्षद को 2500 किलोमीटर का पेट्रोल भत्ता प्रदान किया जाए।
- सांसद, विधायक व सरपंच की तर्ज पर जिला पार्षद की पेंशन निर्धारित की जाए।
- प्रत्येक पार्षद को सक्षम या कौशल स्कीम के तहत एक सहायक प्रदान किया जाए।
- जनहित में पार्षदों को सभी प्रकार के कार्य करवाने का अधिकार दिया जाए।

गौरतलब है कि जिला पार्षदों को पर्याप्त अधिकार न मिलने के कारण पार्षद अपने-अपने वार्डों में विकास कार्य नहीं करवा पा रहे हैं। जिसकी वजह से लोगों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। सरकार के सामने शक्तियों को बढ़ाने की मांग रखी गई है। इस संबंध में सोमवार को जिला परिषद कार्यालय में झोटा बांधकर विरोध प्रदर्शन किया गया है। मंगलवार को सीएम से मुलाकात करके अपनी मांगे रखेंगे। जब तक पार्षदों की मांगे पूरी नही होती, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।