राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय

Sonipat: भारतीय संविधान के 75 वर्ष और संविधान दिवस के 10 वर्ष: ओ.पी. जिंदल यूनिवर्सिटी में ऐतिहासिक आयोजन

सोनीपत

Sonipat में भारतीय संविधान के 75 गौरवशाली वर्षों और संविधान दिवस के 10 वर्ष पूरे होने पर देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं। भारत का संविधान 26 नवंबर 1949 को तैयार हुआ था। इस महान दिन को सम्मानित करने के लिए 26 नवंबर 2015 से संविधान दिवस मनाने की शुरुआत की गई, जो डॉ. भीमराव आंबेडकर की 125वीं जयंती वर्ष के दौरान पहली बार आयोजित हुआ।

ओ.पी. जिंदल यूनिवर्सिटी में संविधान संग्रहालय का उद्घाटन

संविधान दिवस के अवसर पर सोनीपत स्थित ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी में देश के पहले संविधान संग्रहालय का भव्य लोकार्पण किया गया। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में हरियाणा के महामहिम राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम में राई की विधायिका श्रीमती कृष्णा गहलावत, गन्नौर विधायक देवेंद्र कादियान, और खरखौदा विधायक पवन खरखौदा ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

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विशेष उपस्थिति और भागीदारी

विश्वविद्यालय के उप कुलपति प्रो. सी. राजकुमार, शिक्षण स्टाफ और संविधान सभा के सदस्यों के परिवार के लोग भी इस ऐतिहासिक आयोजन का हिस्सा बने। कार्यक्रम में भारतीय संविधान के मूल्यों और आदर्शों पर जोर दिया गया और समानता, स्वतंत्रता और न्याय के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया गया।

राज्यपाल का संबोधन

हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने संविधान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह भारत के लोकतंत्र की आत्मा है। उन्होंने संविधान के आदर्शों को अपनाकर इसे सशक्त बनाने की अपील की।

विधायक निखिल मदान का संदेश

सोनीपत के विधायक निखिल मदान ने इस अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए संविधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा, “आइए, आज के दिन संविधान के आदर्शों को अपनाकर अपने लोकतंत्र को मजबूत बनाने का संकल्प लें।”

संविधान दिवस की प्रासंगिकता

संविधान दिवस प्रत्येक भारतीय को न्याय, समानता और स्वतंत्रता के प्रति अपनी जिम्मेदारी की याद दिलाता है। यह आयोजन न केवल हमारे लोकतंत्र को सशक्त बनाता है, बल्कि संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर के महान योगदान को भी श्रद्धांजलि अर्पित करता है।

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